Monday, December 16, 2024
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कैंसर से लेकर हार्ट अटैक तक, डॉक्टरों ने बताया इस जहरीली हवा से क्या-क्या खतरा


नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में अक्टूबर-नवंबर महीने में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है. इस साल भी दिल्ली की एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर को भी पार कर गई है. बीते पांच दिनों से दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 450-470 के पार चल रहा है. जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में बनी हुई है. 

ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि हवा में प्रदूषकों के संपर्क में आने से कैंसर, स्ट्रोक, श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. . 

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को लगातार सातवें दिन जहरीली धुंध छाई रही. सुबह 7:00 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 471 दर्ज किया गया. डॉक्टरों के अनुसार, किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए अनुशंसित AQI 50 से कम होना चाहिए, लेकिन इन दिनों AQI 400 से अधिक हो गया है, जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है. यहां तक ​​कि फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी पैदा हो सकता है. 

वायु प्रदूषण और विभिन्न प्रकार के कैंसर के बीच संबंध!
एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. पीयूष रंजन ने कहा कि ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो वायु प्रदूषण और विभिन्न प्रकार के कैंसर के बीच संबंध स्थापित करते हैं..डॉ. पीयूष रंजन ने कहा, ‘यह समझना महत्वपूर्ण है कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी बीमारियों के अलावा शरीर की विभिन्न प्रणालियों को भी प्रभावित करता है. प्रदूषण का हृदयघात, ब्रेन स्ट्रोक और गठिया जैसी कोरोनरी धमनी रोगों से सीधा संबंध है. हमारे पास वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के साथ इसका संबंध स्थापित करते हैं.’ 

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विशेषज्ञ बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति के प्रति सचेत करते हुए भ्रूण पर दुष्प्रभाव की भी चेतावनी देते हैं. डॉक्टरों के अनुसार, वायु प्रदूषण मस्तिष्क और हृदय को नुकसान पहुंचाता है और अगर सावधानी न बरती जाए तो यह सभी आयु समूहों में चिंता पैदा कर सकता है. 

मौजूदा हालात को ‘चिकित्सा आपातकाल’ बताया
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन, रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन के प्रमुख और मेदांता के निदेशक-चिकित्सा शिक्षा डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा स्थिति को ‘चिकित्सा आपातकाल’ कहा. उन्होंने कहा, ‘हवा की गुणवत्ता बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में है और यह लोगों की स्वास्थ्य स्थितियों को प्रभावित कर सकती है. यह एक मेडिकल इमरजेंसी है. जब सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन और पार्टिकुलेट मैटर जैसे जहरीले धुएं फेफड़ों में प्रवेश करते हैं तो यह अन्य प्रणालियों को भी प्रभावित कर सकता है. अस्पतालों में इमरजेंसी विजिट में 20 फीसदी की बढोतरी हुई है.’

Tags: Cancer, Cardiac Arrest, Delhi news, Delhi-NCR News, Dr Randeep Guleria



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