Home World कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल, इनकी खोज से कोरोना वैक्सीन बनाना हुआ आसान

कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल, इनकी खोज से कोरोना वैक्सीन बनाना हुआ आसान

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कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल, इनकी खोज से कोरोना वैक्सीन बनाना हुआ आसान

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कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को इस बार चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला है। कोविड-19 से लड़ने के लिए mRNA वैक्सीन के विकास से संबंधित खोजों के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है। नोबेल असेंबली के सचिव थॉमस पर्लमैन ने सोमवार को स्टाकहोम में पुरस्कार की घोषणा की। नोबेल असेंबली की ओर से कहा गया, ‘एमआरएनए कैसे हमारे इम्यून सिस्टम के संपर्क में आता है, इसे लेकर हमारी अब तक की समझ को इनके नतीजों ने पूरी तरह से बदल दिया। इस तरह पुरस्कार विजेताओं ने मौजूदा वक्त में मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक के दौरान वैक्सीन डेवलपमेंट की अभूतपूर्व दर में अहम योगदान दिया।’

मालूम हो कि नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख डॉलर) का नकद इनाम दिया जाता है। यह धन पुरस्कार के संस्थापक स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति में से दिया जाता है जिनका 1896 में निधन हो गया था। बता दें कि स्वीडिश मुद्रा के गिरते मूल्य के कारण इस वर्ष पुरस्कार राशि में 1 मिलियन यानी दस लाख क्रोनर की बढ़ोतरी की गई। पुरस्कार विजेताओं को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर 10 दिसंबर को समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। प्रतिष्ठित शांति पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा के अनुसार ओस्लो में दिया जाता है, जबकि दूसरे पुरस्कार समारोह का आयोजन स्टॉकहोम में किया जाता है।

शुक्रवार को होगी नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा 

नोबेल पुरस्कार की 6 दिवसीय घोषणाएं सोमवार से शुरू हुई हैं। इसकी शुरुआत चिकित्सा के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के विजेता के नाम की घोषणा के साथ होती है। मंगलवार को भौतिकी, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा होगी। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा 9 अक्टूबर को की जाएगी। 

पिछले साल स्वीडिश वैज्ञानिक को मिला चिकित्सा का नोबेल

पिछले साल स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो ने मानव विकास क्रम में खोज के लिए फिजियोलॉजी या चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीता था। उनकी खोज ने निएंडरथाल डीएनए के रहस्यों का खुलासा किया था, जिसने गंभीर कोविड​​-19 के प्रति हमारी संवेदनशीलता सहित हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के सिलसिले में अहम जानकारी दी। निएंडरथाल वास्तव में प्राचीन मानव समूह के सदस्य थे जो करीब 200,000 साल पहले प्लेइस्टोसिन युग के दौरान उभरा था। निएंडरथाल यूरोप के अटलांटिक क्षेत्रों से लेकर पूर्व में मध्य एशिया तक यूरेशिया में और सुदूर उत्तर से लेकर वर्तमान बेल्जियम तक और सुदूर दक्षिण से लेकर भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम एशिया तक फैले थे। 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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