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नई दिल्ली. समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक को फंडिंग करने वाले टेक मुगल निवेल रॉय सिंघम के आदेश पर देश में चीनी प्रोपेगेंडा फैलाने का भंडाफोड़ हुआ है. न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) की जांच में यह बात सामने आई है. इससे भारत के उस दावे की भी पुष्टि होती है, जिसमें विदेशी ताकतों के साथ राष्ट्र-विरोधी तत्वों की मिलीभगत की आशंका जताई गई थी.
2021 में, प्रवर्तन निदेशालय की एक जांच से पता चला था कि मीडिया पोर्टल न्यूज़क्लिक को विदेशों से 38 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त हुई थी. अधिकारियों ने अमेरिकी करोड़पति सिंघम तक धन के लेन-देन का पता लगाया था. भाजपा ने तब आरोप लगाया था कि ‘भारत विरोधी’ तत्व, विदेशी ताकतों के साथ मिलकर, ‘देश को नीचा दिखाने और सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा थे’.
अब, नई जांच ने चिंताओं की पुष्टि की है, जिसमें न्युयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि कॉर्पोरेट फाइलिंग से पता चला है कि ‘न्यूज़क्लिक ने अपने कवरेज को चीनी सरकार की बातचीत के बिंदुओं के साथ प्रसारित किया’. हालांकि इन आरोपों पर अब तक न्यूज़क्लिक की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. एनवाईटी के मुताबिक, जांच से पता चला है कि कैसे चीन अपने प्रचार नेटवर्क के माध्यम से अपने मानवाधिकारों के हनन की अंतरराष्ट्रीय आलोचना से खुद को बचाने में सक्षम रहा है.
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Tags: Enforcement directorate, Lok sabha, Nishikant dubey, Rahul gandhi
FIRST PUBLISHED : August 07, 2023, 18:57 IST
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