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Varanasi Corona News: प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि कोरोना का ये नया सब वैरियंट JN.1 है जो एशिया के देश सिंगापुर,हॉन्गकॉन्ग,अमेरिका के बाद अब भारत में भी फैल रहा है.जिस तरह से भारत में शुरुआती केस बढ़ रहे…और पढ़ें

कोरोना की चौथी लहर आने वाली है
हाइलाइट्स
- कोरोना ये दो नए वैरियंट JN.1 और NB.1.8 घातक हो सकता है.
- कोविड की अलग अलग लहरों की संक्रमण अवधि अलग अलग रही है.
- अब कोरोना के चौथी लहर की संभावना जताई जा रही है.
वाराणसी: देश में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे है.अलग अलग राज्यो में अब तक 1200 से ज्यादा एक्टिव केस सामने आ चुके है.केरल,महाराष्ट्र दिल्ली के साथ यूपी में भी लगातार कोरोना के नए वैरियंट के मरीज सामने आ रहें है. ऐसे में अब कोरोना के चौथी लहर की संभावना जताई जा रही है.कोविड के बढ़तें खतरे के बीच BHU के वैज्ञानिक ने भी बड़ा दावा किया है.
प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि कोरोना का ये नया सब वैरियंट JN.1 है जो एशिया के देश सिंगापुर,हॉन्गकॉन्ग,अमेरिका के बाद अब भारत में भी फैल रहा है.जिस तरह से भारत में शुरुआती केस बढ़ रहे है उसके हिसाब से अनुमान लगाया जा रहा है कि यह अगले 3 से 4 हफ्तों में अपने पीक पर होगा.
21 से 28 दिनों बाद कम होंगे केस
उन्होंने बताया कि कोविड की अलग अलग लहरों की संक्रमण अवधि अलग अलग रही है.पहली लहर क दौरान लॉकडाउन लगा जिससे संक्रमण की रफ्तार काफी कम रही.इसी कारण पहली लहर में संक्रमण अवधि करीब 60 दिन रहा.उसके बाद दूसरी लहर में यह अवधि 21 दिन में अपने हाई लेबल पर पहुंच गई.वहीं तीसरा लहर यहां 28 से 32 दिनों तक सक्रिय रहा.इससे यह साफ है कि ओमिक्रोन का ये जो सब वैरियंट है वो और भी तेजी से लोगो को इफेक्ट कर सकता है.जिसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि 21 से 28 दिन में यह अपने हाई लेवल पर जा सकता है.उसके बाद फिर कोविड के मामले कम होने लगेंगे.
सीवर सैम्पल्स से खुलेगा राज
उन्होंने बताया कि कोरोना ये दो नए वैरियंट JN.1 और NB.1.8 कितना घातक हो सकता है. इसके लिए उनकी टीम लगातार रिसर्स कर रही है.नए वैरियंट पर नजर के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग बेहद जरूरी है.इसी से वायरस के म्यूटेशन का पता लगता है. दूसरी लहर के दौरान अल्फा के साथ कोरोना के और दो वैरियंट पाए गए थे. जिसके कारण कम्युनिटी स्प्रेड हुआ और फिर सबसे ज्यादा मौतें हुई.इस बार भी वैसी संभावना है या नहीं इसके बारे में रिसर्च जारी है.जल्द ही बीएचयू के वैज्ञानिकों की टीम इसके लिए वाराणसी में सीवर सैम्पल्स कलेक्ट कर उसकी जांच करेगी.इस जांच से वायरस की कितनी कॉपी उसके अंदर है इसका पता चलता है.जिससे कम्युनिटी स्प्रेड और आने वाले खतरे का पता चल पाएगा.

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या…और पढ़ें
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या… और पढ़ें
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