Thursday, April 10, 2025
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कोरोना के बाद अब H3N2 का कहर, कर्नाटक में गई एक शख्स की जान, आप भी बरतें सावधानी


Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL
कर्नाटक में H3N2 वायरस से एक शख्स की मौत हो गई है।

बेंगलुरु: कर्नाटक में H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस से हुई पहली मौत का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक के हासन जिले में H3N2 वायरस के संक्रमण से पीड़ित शख्स की मौत हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर रणदीप ने 85 साल के बुजुर्ग की वायरस के संक्रमण से मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि बुजुर्ग को बुखार था और गले में भी दिक्कत थी। यह वायरस राज्य के कई जिलों में फैल चुका है और लोगों को संक्रमित कर रहा है।

कर्नाटक में आए 50 से ज्यादा केस


कर्नाटक में अभी तक H3N2 Influenza Virus के 50 से ज्यादा मामले सामने आए हैं जिनमें से 6 मामले अकेले हासन जिले से हैं। हालिया मामलों को देखते हुए सरकार 60 साल से ऊपर की उम्र के लोगों और गंभीर रूप से पीड़ित लोगों पर खास ध्यान दे रही है। बताया जा रहा है कि H3N2 वायरस से पीड़ित बुजुर्ग की मौत एक मार्च को ही हो गई थी। बुजुर्ग की मौत के बाद उनके गांव के आसपास के इलाकों में भी लोगों की जांच की गई है।

H3N2 पर ICMR ने क्या कहा था

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक्सपर्ट्स ने कहा है कि भारत में पिछले 2-3 महीने से लगातार खांसी और किसी-किसी मामले में बुखार के साथ खांसी होने का कारण ‘इन्फ्लुएंजा ए’ का सब-वेरिएंट ‘H3N2’ है। ICMR के वैज्ञानिकों ने कहा कि पिछले 2-3 महीने से व्यापक रूप से व्याप्त H3N2 अन्य सब-वेरिएंट्स की तुलना में रोगी के अस्पताल में भर्ती होने का बड़ा कारण है। ICMR ‘वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज नेटवर्क’ के माध्यम से सांस से जुड़े वायरस के कारण होने वाली बीमारियों पर कड़ी नजर रखे हुए है।

3 हफ्ते तक रह सकती है खांसी

ICMR ने वायरस से लोगों को बचाने के लिए एक लिस्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। दूसरी ओर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देश भर में खांसी, जुकाम और जी मिचलाने के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग को लेकर आगाह किया है। IMA ने कहा कि मौसमी बुखार 5 से 7 दिनों तक रहेगा। IMA की एक स्थायी समिति ने कहा कि बुखार 3 दिन में खत्म हो जाएगा, लेकिन खांसी 3 हफ्ते तक बरकरार रह सकती है।

आप भी बरतें ये सावधानियां

प्लस ऑक्सीमीटर की मदद से लगातार ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें और अगर ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95 प्रतिशत से कम है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। बता दें कि अगर ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 90 प्रतिशत से कम है तब इन्टेंशिव केयर की ज़रूरत पड़ सकती है। इस मामले में खुद दवाई लेना खतरनाक हो सकता है। अगर बच्चों और बूढ़ों को बुखार और कफ जैसी समस्या होती है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। चूंकि यह संक्रमण वायरस से होता है, इसलिए इसमें एंटिबायटिक लेने की जरूरत नहीं है। एंटिबायटिक सिर्फ बैक्टीरिया में कारगर होते हैं।

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