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अंजू प्रजापति/रामपुरःसर्दियों में गुड़ का सेवन बड़े पैमाने परहोता है, क्योंकि लोगों का ऐसा मानना है गुड़ की तासीर गर्म होती है जो कि सर्दियों में हमारे शरीर को गर्म और स्वस्थ रखने में मदद करता है.गुड़ को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसमें प्रोटीन, पोटेशियम, मैग्नेशियम, सोडियम, आयरन, कैल्शियम समेत कई मिनरल्स और विटामिन पाए जाते हैं. पाचन तंत्र के लिए इसे बहुत लाभकारी माना जाता है. यह इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है.
वैसे तो बाजारों में आपको गुड़ की कई तरह की वैरायटी मिल जाएगी. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह बिना किसी मिलावट के शुद्ध प्राकृतिक स्वीटनर (गुड़) कैसे तैयार किया जाता है. रामपुर की नगर पंचायत दढ़ियाल में कोल्हू से निकलने वाला गुड़ बिहार, उत्तराखंड और यूपी के कई जिलों तक मशहूर है.
57 साल से गुड़ बना रहे
कोल्हू मालिक अनवार ने बताया की हमारे यहां 15 कोल्हू पर गुड़ तैयार किया जाता है और एक कोल्हू पर लगभग 50 लोग काम करते हैं. हम 57 साल से गुड़ बना रहे हैं. करीब 12 कुंतल गन्ने से 70 किलो गुड़ बनाते हैं . गन्ने का रस निकालने के बाद तीन लेयर वाली स्पेशल भट्ठी में फिल्टर करके छानकर कई घंटों तक उबालकर गाढ़ा तरल बनाया जाता है. इसके बाद गाढ़े तरल को गर्म-गर्म चाक में उतार कर भेली का आकार दिया जाता है. उन्होंने बताया कि एक बार का गुड़ बनाने में 2 से ढाई घंटे की मेहनत लग जाती है. उन्होंने बताया कि उनके यहां शुद्ध देशी क्वालिटी का गुण 30 से 32 रुपए किलो बेचा जाता है.
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FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 11:28 IST
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