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Covid-19 India: डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि कोविड-19 के JN.1 वेरिएंट के कारण मामले बढ़ रहे हैं, जो ओमिक्रोन का सब-वेरिएंट है. यह वेरिएंट तेजी से फैलता है लेकिन घातक नहीं है. हालांकि इस बचने के लिए सतर्कता और…और पढ़ें

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने नए वेरिएंट पर अपनी राय दी है.
हाइलाइट्स
- JN.1 वेरिएंट के कारण देश में कोविड मामले बढ़ रहे हैं.
- यह वेरिएंट तेजी से फैलता है, लेकिन ज्यादा घातक नहीं है.
- सतर्कता और वैक्सीन से कोविड संक्रमण से बच सकते हैं.
Randeep Guleria on Covid-19 Cases: भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है. इससे लोगों के बीच डर का माहौल पैदा हो गया है. कोरोना संक्रमण पिछले कुछ सालों में काफी कम हो गया था, जो एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है. कोविड के नए-नए वेरिएंट लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. दिल्ली एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने वर्तमान में कोविड के बढ़ते मामलों पर अपनी राय जाहिर की है. उन्होंने बताया कि लोगों को इस संक्रमण से बचने के लिए कौन से कदम उठाने चाहिए और आने वाले समय में क्या स्थिति हो सकती है.
दिल्ली एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने एक निजी न्यूज चैनल को बताया कि वर्तमान में कोविड संक्रमण के मामले JN.1 वेरिएंट के कारण बढ़ रहे हैं. यह वेरिएंट पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था और यह ओमिक्रोन लीनेज का एक सब-वेरिएंट है. इस वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में हुए म्यूटेशन के कारण तेजी से फैल रहा है. यह इम्यून एस्केप मैकेनिज्म के जरिए संक्रमण फैलाता है. हालांकि यह वेरिएंट बहुत घातक नहीं है और इसके लक्षण माइल्ड यानी हल्के होते हैं. JN.1 वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में बुखार, खांसी, गले में खराश, जुकाम और नाक बहने जैसे लक्षण देखे जाते हैं.
डॉ. गुलेरिया के अनुसार JN.1 वेरिएंट ज्यादातर मामलों में हल्की बीमारी का कारण बनता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह खतरनाक हो सकता है, बुजुर्ग, डायबिटीज या हार्ट डिजीज जैसी कोमॉर्बिडिटीज से पीड़ित लोग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति इस वेरिएंट की चपेट में जल्दी आ सकते हैं. ऐसे लोगों को कोविड संक्रमण से बचने की कोशिश करनी चाहिए और कोविड संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन करना चाहिए. भारत में फिलहाल स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन नए वेरिएंट का सर्विलांस जरूरी है. आगे देखना होगा कि यह वेरिएंट कितना फैलेगा और किसी भी विकट स्थिति से बचने के लिए पहले से ही तैयारी करना जरूरी है.
एम्स के पूर्व डायरेक्टर ने बताया कि अभी तक उपलब्ध डेटा के आधार पर मौजूदा कोविड-19 वैक्सीन जेएन.1 वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती हैं. हालांकि यह वैक्सीन संक्रमण को पूरी तरह रोक नहीं पाती है, क्योंकि वेरिएंट में म्यूटेशन मौजूद हैं. वैक्सीन से कोविड की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने या मौत का खतरा कम हो जाता है. वायरस में निरंतर म्यूटेशन के कारण पुरानी वैक्सीन की प्रभावशीलता कम हो सकती है. फिलहाल कोरोना के नए वेरिएंट की निगरानी जरूरी है और यह देखने वाली बात है कि आने वाले समय में यह कितना इंफेक्शन फैलाएगा और यह कितना घातक हो सकता है.
डॉक्टर गुलेरिया के अनुसार कोविड को लेकर फिलहाल डरने या घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए. भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें. अब तक जेएन.1 वेरिएंट के कारण अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के मामलों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं देखी गई है, जो एक अच्छा संकेत है. फिर भी, उन क्षेत्रों में निरंतर निगरानी आवश्यक है जहां मामले अधिक हैं या स्वास्थ्य संसाधन सीमित हैं. इसके अलावा गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग कोविड से हर हाल में बचें.
एक्सपर्ट ने बताया कि अब वैक्सीन के अलावा कोविड के ट्रीटमेंट के लिए कई तरह की एंटीवायरल दवाएं उपलब्ध हैं, जो कोविड के साथ फ्लू से राहत दिला सकती हैं. ये दवाएं वायरस के खिलाफ प्रभावी हैं और महामारी के शुरुआती चरणों की तुलना में मृत्यु दर को कम करने में योगदान दे रही हैं. एंटीवायरल दवाएं संक्रमण की गंभीरता को कम करने और रिकवरी में सुधार करने में मदद कर सकती हैं, खासकर उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए. कोविड के लक्षण अन्य इंफेक्शंस से मिलते-जुलते हैं, इसलिए खांसी, जुकाम या बुखार जैसे लक्षण दिखें, तो कोविड का टेस्ट कराएं.

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें
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