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आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बड़ा फेरदबल करते हुए 13 राज्यों में नये राज्यपालों की नियुक्तियां की है। इसी में एक नाम रिटायर जस्टिस अब्दुल नजीर ( justice abdul nazir) का है। अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस अब्दुल नजीर को महाराष्ट्र राज्यपाल बनाया गया है। वह अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच का हिस्सा थे। रंजन गोगोई के बाद नजीर इसी पीठ के दूसरे जज हैं, जिन्हें बड़ा ओहदा मिला है। वो जज पद से रिटायर हो चुके हैं। रिटायरमेंट के वक्त विदाई भाषण में उन्होंने दिल छू देने वाली बात कही थी। नजीर ने कहा था कि 2019 को ऐतिहासिक फैसले में अगर वो दूसरों से अलग फैसला सुनाते तो शायद अपने समुदाय में हीरो कहलाते लेकिन, देशहित सर्वोपरी है।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच का हिस्सा रहे अल्पसंख्यक समुदाय के इकलौते जज जस्टिस एस अब्दुल नजीर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आंध्रप्रदेश का राज्यपाल बनाया है। उनके साथ राष्ट्रपति की मंजूरी से 13 राज्यों के राज्यपाल भी बदले गए हैं। इसमें आंध्रप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, लद्दाख, सिक्किम, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, असम, नागालैंड, मणिपुर और मेघालय राज्य शामिल हैं।
अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक फैसला लेने वाली पांच सदस्यीय बेंच का हिस्सा थे। उनसे पहले रंजन गोगोई को भी सरकार राज्यसभा भेज चुकी है। नजीर पीठ के दूसरे जज हैं, जिन्हें इतना बड़ा ओहदा मिला है।
रिटायरमेंट पर कही थी दिल छूने वाली बात
जनवरी में सुप्रीम कोर्ट जज पद से रिटायर हुए अब्दुल नजीर ने विदाई भाषण में दिल छूने वाली बात कही थी। उन्होंने कहा था कि 2019 में दिये ऐतिहासिक फैसले में अगर वो पीठ के अन्य सदस्यों से अलग फैसला सुनाते तो शायद अपने समुदाय में हीरो बन जाते लेकिन, मैंने ऐसा नहीं किया क्योंकि उस वक्त मेरे लिए देश सर्वोपरि था। जज नजीर का यह बयान उस वक्त काफी चर्चा में भी रहा।
वकील से सुप्रीम कोर्ट जज और अब गवर्नर
अब्दुल नजीर ने अपने करियर की शुरुआत कर्नाटक में वकील के तौर पर की थी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और देश की सर्वोच्च अदालत के तीसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश तक पहुंचे। वे सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सदस्य के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। विदाई भाषण में नजीर ने कहा था कि एक वकील से सुप्रीम कोर्ट के जज तक उन्होंने जो कानूनी करियर देखा और महसूस किया वो एक सपने का सच होने जैसा था।
तीन तलाक वाले फैसले का भी हिस्सा रहे
न्यायमूर्ति नज़ीर हाल ने कई ऐतिहासिक फैसलों में अपना योगदान दिया है। अयोध्या बाबरी विध्वंस केस के अलावा तीन तलाक मुद्दे पर फैसला लेने वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच का भी हिस्सा थे। वे तत्कालीन सीजेआई जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय बेंच का हिस्सा थे। जिन्होंने तीन तलाक को खत्म किया।
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