Home Health क्या आप भी चिकन को पकाने से पहले धोते हैं? अगर हां, तो हो जाएं सावधान, खतरे में पड़ सकती है जिंदगी

क्या आप भी चिकन को पकाने से पहले धोते हैं? अगर हां, तो हो जाएं सावधान, खतरे में पड़ सकती है जिंदगी

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क्या आप भी चिकन को पकाने से पहले धोते हैं? अगर हां, तो हो जाएं सावधान, खतरे में पड़ सकती है जिंदगी

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हाइलाइट्स

डच शोध में पाया गया कि 25% उपभोक्ता अपने चिकन को अक्सर या लगभग हमेशा धोते हैं
बैक्टीरिया कैंपिलोबैक्टर और साल्मोनेला आमतौर पर कच्चे पोल्ट्री पर पाए जाते हैं
कच्चे धोये जाने पर बैक्टीरिया किचन में जगह-जगह फैल जाते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है

नई दिल्ली. क्या आप भी चिकन (Chicken) को पकाने से पहले धोते हैं? अगर ऐसा करते हैं तो इसे तुरंत बंद करना ही आपकी सेहत के लिए सुरक्षित होगा. द कन्वर्सेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण और नियामक सलाह देते हैं कि आप कच्चे पोल्ट्री को पकाने से पहले न धोएं. ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि चिकन धोने से किचन के आसपास खतरनाक बैक्टीरिया फैल सकते हैं. चिकन को बिना धोए अच्छी तरह से पकाना सबसे अच्छा है, इसलिए यह खाने का सबसे सुरक्षित तरीका माना गया है.

हालांकि इस तथ्य के बावजूद मुर्गे की धुलाई आम बात है. ऑस्ट्रेलिया की खाद्य सुरक्षा सूचना परिषद के एक सर्वेक्षण में दिखाया गया है कि लगभग आधे ऑस्ट्रेलियाई घरों में खाना पकाने से पहले चिकन को धोया जाता है. डच शोध में पाया गया कि 25% उपभोक्ता अपने चिकन को अक्सर या लगभग हमेशा धोते हैं. तो लोग ऐसा क्यों करते हैं और चिकन धोने के जोखिमों के बारे में शोध क्या कहता है? आपको बता दें कि खाद्य जनित बीमारी के दो प्रमुख कारण बैक्टीरिया कैंपिलोबैक्टर (Campylobacter )और साल्मोनेला (Salmonella) हैं, जो आमतौर पर कच्चे पोल्ट्री पर पाए जाते हैं. कच्चे धोये जाने पर यह किचन में जगह जगह फैल जाते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

ऑस्ट्रेलिया में, कैम्पिलोबैक्टर और साल्मोनेला के रिपोर्ट किए गए मामले पिछले दो दशकों में लगभग दोगुने हो गए हैं. प्रति वर्ष कैम्पिलोबैक्टर संक्रमण के अनुमानित 220,000 मामलों में से, 50,000 प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चिकन मांस से आते हैं. धुले हुए चिकन की सतह से निकलने वाली पानी की बूंदों पर हाल के शोध से पता चलता है कि यह एक जोखिम भरा कार्य है. अध्ययन से स्पष्ट रूप से पता चला है कि पानी की बूंदों के माध्यम से बैक्टीरिया को चिकन की सतह से आसपास की सतहों पर स्थानांतरित किया जा सकता है.

वहीं हाई-स्पीड इमेजिंग का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च नल की ऊंचाई छींटे बढ़ा सकती है. उन्होंने पाया कि अधिक नल की ऊंचाई और जल प्रवाह दर के साथ जीवाणु संचरण का स्तर बढ़ जाता है. साथ ही एरेटेड पानी (जो आपको तब मिलता है जब नल बहुत मुश्किल से चल रहा हो) भी छींटे और बैक्टीरिया के संचरण को बढ़ाता है.

Tags: Chicken, Health News, Hygiene, Life style

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