sunscreen spf 30 or spf 50: सूरज की किरणें यानी धूप हमारे शरीर के लिए जरूरी है. यह हमें विटामिन डी बनाने के लिए जरूरी तत्व प्रदान करती है. विटामिन डी न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद आवश्यक है. लेकिन इसी सूरज की किरणें जब तीखी हों या सूरज की रोशनी में एक्सपोजर ज्यादा हो तो यह लाभदायक न होकर हानिकारक होने लगती हैं. दरअसल सूरज की किरणों में मौजूद यूवी और यूवीबी किरणें कैंसर तक को दावत दे सकती हैं. ऐसे में इनसे बचाव बेहद जरूरी है. सूर्य की तेज रोशनी से बचने के लिए छाया में अधिक से अधिक रहने (यानी इनडोर रहने) के अलावा, स्कार्फ आदि का इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन जो चीज सबसे जरूरी है वह है सनस्क्रीन का इस्तेमाल. त्वचा रोग विशेषज्ञ यानी डर्मेटॉलजिस्ट धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन लगाने की हिदायत देते हैं. इसी के साथ कई सवाल उठ खड़े होते हैं जिनके जवाब हमने ढूंढने के लिए रिसर्च और डॉक्टरी मदद ली. फोर्टिस ला फेम में कंसल्टेंट डर्मेटॉलिस्टिस, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में सीनियर रेजिडेंट रहीं और मैक्स स्मार्ट सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भी त्वचा रोग विशेषज्ञ के तौर पर सेवाएं दे चुकीं डॉक्टर मनीषा चोपड़ा से बात की और सनस्क्रीन से जुड़े विभिन्न सवालों के जवाब जानने चाहे.
क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो मानते हैं कि सर्दियों में सनस्क्रीन नहीं लगानी चाहिए. यदि हां तो जान लीजिए कि सर्दियों में भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल उतना ही जरूरी है जितना कि गर्मियों में. सच तो यह है कि सर्दियां हो या गर्मियां या कोई भी अन्य मौसम, सनस्क्रीन का इस्तेमाल शरीर के उघड़े हुए हिस्सों में होना ही चाहिए. यह सोचना कि गर्मियों में ही सनस्क्रीन लगानी चाहिए, एकदम गलत है. सूर्य की हानिकारक यूवीबी और यूवी किरणें सर्दियों में भी हम तक पहुंचती हैं. अच्छा तो यह होता है कि घर के अंदर भी सनस्क्रीन लगाई जाए. यह जानकारी देते हुए डॉक्टर वंदना आगे जवाब देती हैं इस सवाल का कि सनस्क्रीन कैसे और कब लगाई जानी चाहिए. साथ ही वह यह भी जोर देकर कहती हैं कि 30 या 30 से अधिक का एसपीएफ हो, ऐसी ही सनस्क्रीन लगाई जानी चाहिए.
चाहे कोई भी मौसम हो चेहरे व शरीर के हरेक उस हिस्से पर सनस्क्रीन लगानी चाहिए जो उघड़ा है, यानी जो सूर्य की किरणों के प्रभाव में आ सकता है या आ रहा है. यहां तक कि ऐसा कुछ नहीं है कि अधिक उम्र की महिलाओं या पुरुषों को ही यह लगाई जानी चाहिए. हर व्यक्ति को लगानी चाहिए. इसके लिए जरूरी है कि सनस्क्रीन घर से बाहर निकलने से 20 मिनट पहले यानी धूप के प्रभाव में आने से 20 मिनट पहले लगानी चाहिए. शरीर का जितना हिस्सा भी धूप के प्रभाव में आ सकता है, उस पर सनस्क्रीन अप्लाई करें. अगर आप लंबे समय तक आउटडोर हैं तो अपने बैग में सनस्क्रीन की ट्यूब जरूर रखें ताकि हर दो से तीन घंटे बाद इसे लगा सकें.
ऐसे लोगों को नहीं लगानी चाहिए सनस्क्रीन…
वैसे तो सनस्क्रीन हरेक को लगानी चाहिए लेकिन ऐसे लोग जिन्हें इस क्रीम में मौजूद किसी खास तत्व से अलर्जी है तो वे इसका प्रयोग तुरंत बंद कर दें. हो सके तो किसी अच्छे डॉक्टर से मिलकर उससे अपनी त्वचा के मुताबिक सूर्य की किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन बाबत सलाह ले लें. सनस्क्रीन लगाने से अलर्जी हो गई हो तो भी तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और खुद से खुद को ट्रीट करने की कोशिश न करें.
क्या फायदा देती है सनस्क्रीन…
एक अच्छी सनस्क्रीन स्किन को डैमेज होने से बचाती है. सनस्क्रीन फोटो एजिंग से बचाती है. फोटो एजिंग एक प्रकार से स्किन में प्रीमैच्योंर एजिंग को कहते हैं. यह सूरज की हानिकारक किरणों से होती है. ये किरणें न सिर्फ त्वचा की रंगत को बिगाड़ती हैं बल्कि त्वचा पर झुर्रियां भी देती हैं. यहां तक कि पिंपल्स जैसी समस्याएं भी सकती हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2023, 12:39 IST