Home National क्या आप माफी मांगने को तैयार हैं? जानें राघव चड्ढा से सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों पूछा, फिर क्या था जवाब

क्या आप माफी मांगने को तैयार हैं? जानें राघव चड्ढा से सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों पूछा, फिर क्या था जवाब

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क्या आप माफी मांगने को तैयार हैं? जानें राघव चड्ढा से सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों पूछा, फिर क्या था जवाब

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी से सांसद राघव चड्ढा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या राघव चड्ढा माफी मांगने को तैयार हैं? इसके बाद राघव चड्ढा की ओर से पेश वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि वो राज्यसभा सभापति और कोर्ट दोनों से माफी मांगने को तैयार हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल और राघव चढ्ढा के वकील से लिखित दलीलें जमा करने को कहा. अब इस मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आप सांसद राघव चड्ढा के राज्यसभा से निलबंन पर सवाल उठाया. कोर्ट ने कहा कि 75 दिन पहले ही गुजर चुके हैं, अनिश्चित काल तक निलबंन चिन्ता का विषय है. राघव चड्ढा सदन में विपक्ष की आवाज की नुमाइंदगी करते हैं. सदन में ऐसी आवाज का प्रतिनिधित्व बना रहे, इसको लेकर हमें सतर्क रहना चाहिए. कोर्ट ने राघव चड्डा और AG से कहा कि वो इस बार में लिखित दलीलों को लेकर संक्षिप्त नोट जमा कराएं.

हम दखल नहीं देंगे… AAP सांसद राघव चड्ढा की क‍िस याच‍िका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि हम विशेषाधिकार हनन के विस्तृत विषय या विशेषाधिकार कमेटी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देंगे. कोर्ट के सामने जो विचार का मसला है- वो अनिश्चित काल तक राज्यसभा से राघव चड्ढा का निलम्बन है. सुनवाई के दौरान एजी ने कहा कि ये सदन की कार्यवाही का सवाल है. कोर्ट के इस मसले पर सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं बनता. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस मामले में कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता.. ये पार्लियामेंट का अधिकार क्षेत्र में आता है.

क्या आप माफी मांगने को तैयार हैं? जानें राघव चड्ढा से सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों पूछा, फिर क्या था जवाब

दरअसल, लराघव चढ्ढा ने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती दी है. इसी साल अगस्त में राघव चड्ढा को निलंबित किया गया था. राघव चढ्ढा के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि 60 दिन तक अगर हाऊस में नहीं गए तो सीट खाली घोषित हो सकती है. ऐसे में कैसे अनिश्चित काल तक सस्पेंड किया जा सकता है. राघव की तरफ से दलील दी गई है कि उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला नहीं बनता है. अगर मामला बनता भी है, तो नियम 256 के तहत उन्हें सिर्फ उसी सत्र तक के लिए निलंबित किया जा सकता था. आपको बता दें क‍ि यह मामला अभी संसद की विशेषाधिकार कमेटी के पास है.

Tags: Raghav Chaddha, Raghav Chadha, Supreme Court

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