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हाइलाइट्स
कैफीन डाययूरेटिक होता है यानी यह यूरिन आउटपुट को बढ़ा देता है. इससे बार-बार पेशाब होगा.
कम से कम 12 साल तक के बच्चों को चाय नहीं देनी चाहिए.
Is It OK if kids Drink Tea: भारत में बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो चाय नहीं पीते होंगे. परिवार में हर कोई चाय पीता है. हमारी जो आदतें होती हैं उसे देखकर बच्चे भी कॉपी करते हैं. जब हम सब परिवार एक साथ बैठकर चाय की चुस्की लेते हैं तो बच्चे भी उत्सुकता से इसके सिप को लेना चाहते हैं. हम कभी-कभी चाय उसे चटा भी देते हैं. धीरे-धीरे बच्चा जब बड़ा होता है तो सबके देखा-देखी वह भी चाय की चुस्की भी लेने लगता है. लेकिन क्या कोई यह सोच सकता है कि चाय की चुस्की से छोटे बच्चे की जान भी जा सकती है? पर मध्यप्रदेश में एक डेढ़ साल के बच्चे की मौत चाय पीने की वजह से हो गई है. इसके बाद मेडिकल जगत में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या चाय पीने से बच्चों की मौत हो सकती है?
चाय पीने के बाद सांसें हो गई बंद
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चा अपने ननिहाल में था और जैसे ही उसने चाय पी, वैसे ही उसने सांस लेना बंद कर दिया. उसे अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया था. तो क्या बच्चे की मौत चाय की वजह से हुई? अस्पताल की सुप्रीडेंटेंड डॉ. प्रीति मालपानी ने बताया कि चूंकि बच्चे की मौत अस्पताल आने से पहले हो चुकी थी, इसलिए हम मौत के कारणों पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स की प्रमुख प्राची जैन कहती हैं कि चाय की पत्तियां में कुदरती रूप से पाए जाने वाला कंपाउड कई अन्य पौधों में होता हैं. इसमें कैफीन होता है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम में हलचल पैदा करता है. इसलिए बच्चों को चाय की खुराक नहीं देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कम से कम 12 साल तक के बच्चों को चाय नहीं देनी चाहिए. कैफीन के अच्छे और बुरे दोनों गुण हैं, इसके बावजूद 12 साल से कम उम्र के बच्चे को चाय देने की मनाही है. बच्चों को चाय नहीं देने के कारण हैं.
बच्चों को चाय नहीं देने के कारण
1.कैफीन की डायरेक्ट खुराक दिमाग और नर्वस सिस्टम को अति सक्रिय कर देती है जिससे बच्चों के स्लीप पैटर्न में गड़बड़ियां आ सकती है. इससे सुबह उठने पर बच्चों में थकान ज्यादा महसूस होगी.
2. रोजाना कैफीन लेने से इसकी आदत हो जाएगी जिसका छुटाना बहुत मुश्किल हो जाता है.
3. कैफीन डाययूरेटिक होता है यानी यह यूरिन आउटपुट को बढ़ा देता है. इससे बार-बार पेशाब होगा जिससे बच्चों में डिहाइड्रेशन हो सकता है.
बच्चे को दूध के साथ क्या दें
आमतौर पर बच्चा सादा दूध पीने से आना-काना करता है. डॉ. प्राची जैन कहती हैं कि इस स्थिति में आप दूध में तुलसी, इलाइची, दालचीनी, अदरक, पाउडर नट्स आदि मिला दें. कुछ बड़ा हो जाए तो दूध में खजूर और किशमिश भी मिलाकर दे सकते हैं. हालांकि यह साबित नहीं हुआ है कि बच्चे की मौत चाय पीने की वजह से हुई है लेकिन आमतौर पर बच्चों को चाय नहीं देनी चाहिए.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : August 10, 2023, 06:40 IST
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