Home Life Style क्या चिता की ताजी राख से की जाती है महाकाल की भस्म आरती? बेहद चौंकाने वाला है रहस्य, पंडित जी ने किया खुलासा

क्या चिता की ताजी राख से की जाती है महाकाल की भस्म आरती? बेहद चौंकाने वाला है रहस्य, पंडित जी ने किया खुलासा

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क्या चिता की ताजी राख से की जाती है महाकाल की भस्म आरती? बेहद चौंकाने वाला है रहस्य, पंडित जी ने किया खुलासा

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हाइलाइट्स

ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है भगवान महाकाल की भस्म आरती
महाशिवरात्रि पर की जाती है भगवान महाकाल की विशेष पूजा अर्चना
भगवान महाकाल की भस्म आरती में सम्मिलित होने के लिए दुनियाभर से आते हैं भक्त

Ujjain Mahakal: हिंदू धर्म में मान्यता है कि कालों के काल भगवान महाकाल के दर्शन मात्र से भक्तों का कल्याण हो जाता है. मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं. भगवान महाकाल की रोजाना विशेष पूजा होती है. उन्हें कई बार सजाया जाता है. रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में भगवान महाकाल की भस्म आरती होती है. भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होना प्रत्येक भक्त का सपना होता है. भगवान महाकाल को लेकर कई कहानियां भी प्रचलित हैं. आपने भी सुना होगा कि कई लोग कहते हैं कि भगवान महाकाल की भस्म आरती चिता की ताजी राख से की जाती है. आइए आज हम आपको भगवान महाकाल की भस्म आरती का सच बताते हैं.

भगवान महाकाल की भस्म आरती को लेकर पंडित आशीष गुरु बताते हैं क‍ि भस्ममार्ति का एक और नाम मंगला आरती भी दिया गया है. मंगला आरती में बाबा हर रोज निराकार से साकार रूप धारण करते है. बाबा भस्म को संसार को नाशवान होने का संदेश देने के लिए लगाते हैं. इसके लिए बाबा ताजी भस्म शरीर पर धारण करते है. भस्म आरती में गाय के गोबर का जो उपला होता है उसकी भस्म बाबा को अर्पण की जाती है. बाबा को जब भस्म अर्पण की जाती है तो 5 मंत्रों के उच्चारण के साथ कि जाती है और ये 5 मंत्र हमारे शरीर के तत्व है, इसके उच्चारण के साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

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महाशिवरात्रि पर होती है विशेष पूजा
मान्यता है की महाकाल मंदिर में शिव लिंग स्वयं भू हैं. महाकाल मंदिर में सामान्यतः चार आरती होती है, जिसमें से रोजाना सुबह होने वाली भस्म आरती के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से उज्जैन पंहुचते है. कहते हैं यहां आने वाले श्रद्धालु श्रद्धा से जो भी मांगते हैं वो हर इच्छा भगवन पूरी करते है.

महाकालेश्वर में महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन पंडितों और पुरोहितो द्वारा पंचामृत के साथ फलों के रस और सुगंधित द्रव्यों से भगवान महाकाल का अभिषेक किया जाता है. निरंतर चलते अभिषेक में मंत्रों की ध्वनि से पूरा वातावरण चेतनायुक्त और शिवमय बन जाता है. हर हर महादेव, जय श्री महाकाल के उद्घोषों से गूंजता है.

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Tags: Dharma Aastha, Mahakal, Religion, Ujjain news

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