
[ad_1]
Last Updated:
Bageshwar Dham Baba: बागेश्वर धाम बाबा यानी धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. वे युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं और कई लोग उन्हें संत, भक्त और चमत्कारी पुरुष मानते हैं. वे लोगों की प…और पढ़ें

MP News: लव जिहाद पर बाबा बागेश्वर का बड़ा बयान.
हाइलाइट्स
- धीरेंद्र शास्त्री को कर्ण पिशाचिनी से जानकारी मिलती है.
- कर्ण पिशाचिनी तांत्रिक विद्या है जो अलौकिक आवाज देती है.
- धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में पर्ची रहस्य आकर्षण का केंद्र है.
धीरेंद्र शास्त्री, जिन्हें लोग बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी जानते हैं. आज के समय में भारत के सबसे चर्चित आध्यात्मिक व्यक्तित्वों में से एक हैं. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में स्वयंभू पीठाधीश्वर हैं और अपने चमत्कारी दरबार के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हो चुके हैं. धीरेंद्र शास्त्री को बागेश्वर धाम बाबा कहकर बुलाया जाता है और उनके दरबारों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर समस्या समाधान करवाते हैं. 28 साल के धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में स्वयं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी जा चुके हैं. कम उम्र इतनी सफलता का राज आखिर क्या है, धीरेंद्र शास्त्री पर्ची के माध्यम से आखिर किस तरह से सब जान लेते हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे का रहस्य…
धीरेंद्र शास्त्री का पर्ची रहस्य पिछले कई सालों से सबसे बड़ा आकर्षण और विवाद का केंद्र बना है. बागेश्वर धाम में लगने वाले उनके दरबार में हजारों श्रद्धालु जमा होते हैं, लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा होती है उस चमत्कारी पर्ची की. धीरेंद्र शास्त्री अपने दरबार में कुछ श्रद्धालुओं को एक एक करके बुलाते हैं और उनके सामने एक पर्ची पढ़ते हैं, जिसमें उनका नाम, गांव, घर की समस्या, यहां तक कि किसी की बीमारी या पारिवारिक विवाद तक लिखा होता है. दावा है कि वे पर्ची भक्त ने नहीं, बाबा ने खुद पहले से ही तैयार की होती है. कुछ ज्योतिषाचार्यों ने इसके पीछे एक रहस्यमयी शक्ति के बारे में बताया है, जो उनको भगवान हनुमानजी की कृपा से प्राप्त हुई है.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, धीरेंद्र शास्त्री इसी रहस्यमयी शक्ति के माध्यम से हर समस्या का समाधान निकालते हैं और उसका नाम है- कर्ण पिशाचिनी. भारतीय तंत्र-मंत्र साहित्य में कर्ण पिशाचिनी का वर्णन मिलता है और यह कई विघाओं में से एक है. कर्ण पिशाचिनी एक अप्सरा की तरह होती है और यह एक प्रकार की तांत्रिक विद्या है. इस विद्या को तांत्रिक ज्ञान का एक प्रकार माना जाता है, जिसमें साधक को कान में अलौकिक आवाज सुनाई देती है, जो दूसरों के मन या पास-पड़ोस की बातें बताती है.
बेहद खतरनाक है यह तंत्र साधना
कर्ण पिशाचिनी एक प्रकार की नेक्रोमेन्सी या मृत्यु से जुड़ी शक्ति के रूप में देखी जाती है. इसके अनुसार, साधक कान में आने वाली आवाज से किसी भी सवाल का जवाब तुरंत सुन लेता है, जो केवल उसे ही सुनाई देता है. कर्ण पिशाचिनी को सबसे शक्तिशाली और रहस्यमयी शक्ति माना जाता है. यह तंत्रमयी विघा साधक को भूत-भविष्य देखने की क्षमता प्रदान करती है. कर्ण पिशाचिनी को एक सुंदर स्त्री के रूप में वर्णित किया गया है, जो साधक के सामने प्रकट होती है. इसकी सिद्धि रतिभाव और कामभाव से की जाती है, अर्थात यह सुंदरी देवी साधक के भोग-भाव से ही प्रसन्न होती है. इस तांत्रिक विद्या को प्राप्त करने के लिए तंत्र साधना की जाती है, जो बेहद खतरनाक हो सकती है. इस साधना में साधक की मृत्यु भी हो सकती है.
[ad_2]
Source link