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कांग्रेस ने राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) 2023 के लिए अर्हता परसेंटाइल को घटाकर शून्य किए जाने के सरकार के निर्णय को रविवार को चौंकाने वाला बताया और सवाल किया कि न्यूनतम बुनियादी मानकों को पूरी तरह से खत्म करने से किसे फायदा होने वाला है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को सभी श्रेणियों में काउंसलिंग को लेकर पात्र होने के संबंध में नीट-पीजी 2023 के लिए योग्यता परसेंटाइल को शून्य कर दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने नीट-पीजी के माध्यम से एमडी/एमएस डिग्री को लेकर दाखिले के लिए कटऑफ को शून्य परसेंटाइल तक घटाने का निर्णय लिया है-जिससे परीक्षा में सबसे कम स्कोर करने वाले छात्र भी पात्र बन जाएंगे। यह बिल्कुल चौंकाने वाला निर्णय है।”
उन्होंने कहा कि यह दिल्ली उच्च न्यायालय में सरकार द्वारा बताए गए रुख से पूरी तरह से ‘यू-टर्न’ है। कांग्रेस नेता ने मीडिया की एक खबर का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया जिसमें सरकार ने पिछले साल उच्च न्यायालय को बताया था कि वह नीट-पीजी के कट-ऑफ को कम नहीं कर सकती ताकि शिक्षा का न्यूनतम स्तर कायम रखा जा सके।
रमेश ने कहा, ”अधिकतर लोग इस बात से सहमत हैं कि मांगों को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिक्षा तक पहुंच और डॉक्टरों की आपूर्ति को नाटकीय रूप से बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन न्यूनतम बुनियादी मानकों को पूरी तरह से खत्म करने से किसको फायदा होगा?”
उन्होंने सवाल किया, ”क्या इससे केवल उन निजी मेडिकल कॉलेजों को फायदा नहीं होगा जो खाली रह गई सीटें सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेचना चाहते हैं।” कांग्रेस नेता ने कहा, ”क्या यह यू-टर्न बहुत प्रभावशाली भाजपा नेताओं के बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है, जो इसमें बदलाव के बिना योग्य नहीं होते?”
NEET PG : नीट पीजी में जब तक सीट, तब तक काउंसिलिंग, कटऑफ पर सरकार ने दी सफाई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि नीट-पीजी 2023 के लिए अर्हता परसेंटाइल को शून्य तक घटाने से क्वालीफाइंग उम्मीदवारों का पूल बढ़ जाएगा, लेकिन पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए योग्यता प्रणाली कमजोर नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि केवल उच्चतम अंक प्राप्त करने वालों को ही पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलेगा। अधिकारियों ने कहा कि दाखिला एक पारदर्शी काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा और कुछ निजी कॉलेजों द्वारा कथित पिछले दरवाजे से प्रवेश की पेशकश को खत्म कर दिया जाएगा।
उन्होंने इन अटकलों को काल्पनिक बताया कि शून्य परसेंटाइल वाले छात्र भी विशेषज्ञ डॉक्टर बन सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि वास्तविकता यह है कि उच्चतम अंक वाले छात्र अपनी पसंद के पाठ्यक्रमों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए पात्र होंगे।
देश में 68,142 पीजी मेडिकल सीटें हैं। अब तक, 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार नीट के माध्यम से मेडिकल पीजी प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के पात्र थे।
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