Pakistan news: पाकिस्तान ने गुरुवार को यह स्पष्ट किया कि वह पर्दे के पीछे से भारत से कोई बातचीत नहीं कर रहा है। पाकिस्तान के विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलूच ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि इस स्तर पर पाकिस्तान और भारत के बीच, पर्दे के पीछे से कोई बातचीत नहीं हो रही है। भारत लगातार कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों वाला संबंध चाहता है, लेकिन ऐसे संबंधों के लिए इस्लामाबाद पहले आतंकवाद और अशांति मुक्त वातावरण तैयार करे।
बालाकोट के बाद तनावपूर्ण हो गए थे दोनों देशों के संबंध
बलूच ने कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद फरवरी 2019 में भारतीय वायुसेना के विमानों ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर बम गिराए थे, जिसके बाद दोनों देशों के संबंध ज्यादा तनावपूर्ण हो गए। बलूच ने यह भी आरोप लगाया कि भारत की किशनगंगा और रतले पनबिजली परियोजनाएं दोनों देशों के बीच हुई सिंधु जल संधि का उल्लंघन हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि इन परियोजनाओं को सिंधु जल संधि के प्रावधानों का उल्लंघन कर विकसित किया गया था। इसलिए, इन मामलों में पाकिस्तान की ओर से कुशलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया गया है; हमें विश्वास है कि हमारे पास एक ठोस मामला है।
भारत को लेकर पाक की स्थिति ऐसी कि ‘रहा भी न जाए, सहा भी न जाए’
विदेश विभाग की प्रवक्ता ने बैक चैनल भारत से कोई बातचीत न होने की बात जरूर कही है। लेकिन पाकिस्तान की माली हालत ऐसी हो गई है कि वह भारत से बात करना चाहे भी तो किस मुंह से करें। वह भारत से कारोबार न करने पर मजबूर है, जम्मू कश्मीर पर शहबाज सरकार बातचीत करे तो देश में जवाब देना पड़ सकता है। हालांकि इन सबके बीच कंगाली की हालत में कुछ समय पहले खुद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में भारत से बातचीत के बारे करने की बात कही थी। लेकिन बाद में जब देश में ही उन पर राजनीतिक और कूटनीतिक दवाब पड़ा, तो उन्होंने बयान बदल दिया था।
पाकिस्तान को मदद पर भारतीय विदेश मंत्री ने कही थी ये बात
पाकिस्तान की आर्थिक मदद से जुड़े सवाल पर पिछले दिनों भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक उसके अपने कार्यों और उसकी पसंद से निर्धारित होता है। विदेश मंत्री ने कहा था कि यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह अपनी आर्थिक परेशानियों से कैसे बाहर निकले।
जयशंकर ने कहा कि भारत ने गंभीर आर्थिक संकट में श्रीलंका की मदद की. लेकिन भारत और श्रीलंका के बीच संबंध पाकिस्तान से बिल्कुल अलग हैं। उन्होंने कहा था, पाकिस्तान के साथ आज हमारा ऐसा कोई संबंध नहीं है कि हम सीधे उस प्रक्रिया (मदद) में शामिल हो सकें। यह हमारे पड़ोसी देश पर निर्भर है कि वे इससे उबरने के लिए कोई रास्ता निकालें।