
Social media claims debunk: सोशल मीडिया अनोखे अंदाज में ऐसे-ऐसे वीडियो दिखाए जाते हैं जिनमें देखने वालों को लगता है कि सब कुछ सही ही है. लेकिन यदि आपके पास विवेक नहीं है तो आप आसानी से चकमा खा सकते हैं. क्योंकि कई ऐसे वीडियो होते हैं जो पूरी तरह से गलत होते हैं. खासकर हेल्थ को लेकर हजारों तरह की भ्रांतियां फैलाई जाती है. सोशल मीडिया पर कई लोग फर्जी डॉक्टर बनकर आते हैं और गंभीर बीमारियों पर अपनी बातें रखते हैं. असलियत यह है कि इनमें से अधिकांश चीजें गलत बताते हैं. ऐसे में वहां जो भी जानकारी मिलती है, उसे सोच-समझकर ही ग्रहण करना चाहिए. हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर कई ऐसे दावे किए जा रहे हैं जिसमें किसी बीमारी या किसी कमी को कुछ चीजों से ठीक करने की बात की जा रही है. जैसे चिया सीड्स का सेवन करने से महिलाओं में ब्रेस्ट साइज बढ़ जाता है तो कच्चा शहद स्किन के दाग धब्बे मिटा देते है. इन कई दावे पर इंडियन एक्सप्रेस की खबर में एक्सपर्ट से इनकी सच्चाई के बारे में सवाल पूछे गए हैं. आइए जानते हैं इनमें से क्या सही है और क्या गलत.
इन दावों में कितनी सच्चाई
1. कच्चा शहद स्किन से दाग हटा देता है-सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि कच्चा शहद का स्किन पर इस्तेमाल करने से दाग-धब्बे मिट जाते हैं. एस्टर सीएमआई अस्पताल, बेंगलुरु में मेडिकल और कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. शिरीन फुरतादो ने इस दावे को पूरी तरह खारिज किया. उन्होंने बताया कि शहद में कभी-कभी बैक्टीरिया हो सकते हैं जो खुले जख्मों में संक्रमण को और फैला सकते हैं. इसलिए बेहतर है कि एंटीमाइक्रोबियल मलहम का इस्तेमाल करें जिनके परिणाम प्रमाणित हैं. स्कार का उपचार कोलाजेन रिमॉडलिंग पर आधारित होता है. शहद जैसे बड़े अणु से कोलाजेन रिमॉडलिंग संभव नहीं है. बेहतर होगा कि नॉनअब्लेटिव फ्रैक्शनल कोलाजेन-बिल्डिंग लेजर जैसे इलाज कराएं. स्कार ठीक होना एक जटिल प्रक्रिया है और इसके लिए त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है.
2. चिया सीड्स से स्तनों का विकास -यह भी दावा किया गया है कि चिया सीड्स का सेवन करने से महिलाओं में ब्रेस्ट साइज बढ़ता है. इसी अस्पताल में क्लिनिकल न्यूट्रिशन की हेड ऑफ सर्विसेज एडविना राज कहती हैं कि चिया सीड्स सीधे एस्ट्रोजन बढ़ाने में सक्षम नहीं हैं. यह एक गलतफहमी है.इसमें कोई संदेह नहीं कि चिया सीड्स पोषण से भरपूर होते हैं जिनमें फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, लेकिन इनमें हार्मोन नहीं होते. इसलिए ये सीधे एस्ट्रोजन उत्पादन पर असर नहीं डालते. हॉर्मोनल हेल्थ जटिल है और केवल खान-पान से इसे नियंत्रित करना मुश्किल है. मेफ्लावर वुमेन हॉस्पिटल, अहमदाबाद में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. आशिनी भट्ट भी कहती हैं कि शरीर में सही हार्मोन संतुलन ही स्तनों के विकास के लिए जरूरी है. भोजन में फाइटोएस्ट्रोजेन,ओमेगा-3 और एंटीऑक्सिडेंट लेना मदद करता है. लेकिन विकास ज्यादातर जेनेटिक होता है और जीवनशैली का थोड़ा प्रभाव होता है.
3. तीन संतरे खाने से पेट फूलना बंद हो जाता है– एडविना कहती हैं कि यह भी एक मिथक है. संतरे हेल्दी फल हैं जिनमें विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं. लेकिन ये वजन कम करने या पाचन की समस्या का हल नहीं हैं. संतरे विटामिन सी, पोटैशियम और फाइबर देते हैं लेकिन मेटाबोलिज्म या पेट फूलने पर सीधे असर नहीं डालते. इसके लिए एक स्थायी तरीका अपनाना जरूरी है. डॉ. भट्ट बताती हैं कि उच्च विटामिन सी और फाइबर वाले फल मेटाबोलिज्म में मदद करते हैं. लेकिन तीन संतरे जरूरी नहीं हैं. इसके लिए मौसमी फल खाएं. पेट फूलने के कई कारण हो सकते हैं जिन्हें अलग से जांचना और ठीक करना चाहिए.
4. रात को नारियल तेल से कुल्ला करने पर दांत सफेद हो जाते हैं- यह भी एक मिथ है. नारियल तेल से कुल्ला करना लोकप्रिय हो रहा है. इसमें सूक्ष्मजीवों को कम करने और मसूड़ों को स्वस्थ रखने की क्षमता होती है लेकिन दांतों को जल्दी सफेद करने के वैज्ञानिक प्रमाण कम हैं. प्रोफेशनल डेंटल ट्रीटमेंट ज्यादा प्रभावी होते हैं. नारियल तेल कुल्ला नियमित ब्रशिंग, फ्लॉसिंग और डेंटल चेकअप का विकल्प नहीं हो सकता.
5. मोरिंगा पाउडर से कमर का साइज कम होता है- मोरिंग एक औषधीय पत्तेदार सब्जी है लेकिन वजन कम करने या कमर की चर्बी घटाने के लिए पर्याप्त शोध नहीं है. मोरिंगा पाउडर में फाइबर और प्रोटीन होता है, जो भूख कम करता है और कैलोरी नियंत्रण में मदद करता है. इससे पूरे शरीर में वजन कम हो सकता है सिर्फ कमर पर नहीं. ऐसे में वजन घटाने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और अच्छी नींद जरूरी है. इसके लिए विशेषज्ञ की सलाह और कस्टमाइज्ड डाइट प्लान लेना अच्छा रहेगा.