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इस समझौते के तहत रूस 1991 के बाद पहली बार विदेशी धरती पर सामरिक परमाणु हथियार तैनात करेगा। क्रेमलिन सैन्य प्रमुख इन हथियारों के प्रभारी बने रहेंगे। लुकाशेंको ने मॉस्को में यूरेशियन इकोनॉमिक फोरम में कहा, ‘हमें भंडारण सुविधाएं और बाकी चीजें तैयार करनी थीं। हमने सब कुछ पूरा कर लिया है और यही कारण है कि परमाणु हथियारों का स्थानांतरण शुरू हुआ।’ यह पूछे जाने पर कि क्या परमाणु हथियार उनके देश में पहुंच चुके हैं? उन्होंने कहा, ‘हो सकता है। मुझे जाकर देखना होगा।’
कई यूरोपीय शहर निशाने पर
रूस का मित्र देश बेलारूस यूक्रेन के साथ 1084 किमी लंबी सीमा साझा करता है। साथ ही यूक्रेन और बेलारूस तीन नाटो देशों के साथ सीमाएं साझा करते हैं। रूस के परमाणु हथियार बेलारूस से कई यूरोपीय शहरों तक पहुंचने में सक्षम हैं। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने इस कदम का बचाव किया है और पश्चिमी शक्तियों पर यूक्रेन को उकसाने का आरोप लगाया। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलन ने इस समझौते की निंदा की है।
नाटो का पड़ोसी है बेलारूस
उन्होंने कहा, ‘यह यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूस की तरफ से गैर-जिम्मेदाराना रवैये का एक नया उदाहरण है।’ मिलन ने कहा, ‘हमें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि रूस परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है।’ पहले भी कई बार रूसी नेता परमाणु हथियारों का नाम लेकर विश्व युद्ध की धमकी दे चुके हैं। बेलारूस की सीमा पोलैंड और लिथुआनिया के साथ मिलती है जो नाटो के सदस्य हैं जिससे तनाव बढ़ने की आशंका है।
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