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आगरा शहर की सरकार पर भाजपा एक बार फिर से काबिज हुई है। मेयर को बंपर जीत मिली है तो वहीं पार्षदों के मामले में भी भाजपा ने बढ़त हासिल की है। भाजपा की रणनीतिकारों का मानना है कि इस चुनाव में जीत विकास के मुद्दे पर मिली है। भाजपा ने ट्रिपल इंजन सरकार का जो नारा दिया था उस पर जनता ने विश्वास किया और पार्टी को बंपर समर्थन दिया। भारतीय जनता पार्टी नगर निगम के सभी 100 वार्डों पर प्रत्याशी उतारे थे। पार्टी के पदाधिकारी तो 70 पार्षद जीतने के दावा करते थे लेकिन शनिवार को जब ईवीएम खुली तो परिणाम सामने आए गए। भाजपा को 58 वार्डों में जीत हासिल हुई है।
आगरा के भाजपा महानगर अध्यक्ष भानु महाजन ने कहा कि भाजपा को मिली यह जीत कल्याणकारी योजनाओं का प्रतिफल है इस जीत को मैं उन कार्यकर्ताओं को समर्पित करता हूं जिन्होंने बूथ स्तर पर कठिन परिश्रम किया। नगर निगम चुनाव में शहरवासियों ने शहर की सरकार की तस्वीर साफ कर दी है। 2023 के चुनाव में भाजपा को नगर निगम सदन में पूर्ण बहुमत मिला है तो वहीं बसपा ने भी पिछले चुनाव की तुलना में बढ़त हासिल की है लेकिन इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है। महज तीन सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस को एक ही सीट पर संतोष करना पड़ा है। निर्दलीय पार्षदों पर जनता ने भरोसा कम किया है।
आगरा नगर निगम में 100 वार्ड हैं। 2017 के नगर निगम चुनाव में भाजपा के 53 पार्षद निर्वाचित होकर सदन में पहुंचे थे। भाजपा को बहुमत तो हासिल था लेकिन अपनी ताकत को और बढ़ाने के लिए भाजपा ने नौ निर्दलीय पार्षदों को अपने साथ मिला लिया था। इस तरह सदन में भाजपा का संख्या बल 62 हो गया था लेकिन इस चुनाव में भाजपा ने बढ़त हासिल करते हुए पांच पार्षद अधिक जीते हैं।