Thursday, April 17, 2025
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क्या लेह में ज्यादा ऊंचाई बनी पेपरफ्राई के CEO की मौत की वजह? पहाड़ पर क्यों ज्यादा है कार्डिएक अरेस्ट का खतरा? एक्सपर्ट से जानें कैसे करें बचाव


हाइलाइट्स

अगर आप पहाड़ की यात्रा कर रहे हैं और हार्ट संबंधी जटिलताएं हैं तो बेहतर है कि आप यात्रा ही न करें.
अगर यात्रा कर रहे हैं तो उससे पहले डॉक्टरों से परामर्श जरूर ले लें.

High Altitudes And Cardiac Arrest: ऑनलाइन फर्नीचर कंपनी पेपरफ्राई के फाउंडर और सीईओ अंबरीश मूर्ति (Ambressh Murty) का कार्डिएक अरेस्ट के कारण निधन हो गया. 51साल के अम्बरीश बाइक राइडिंग कर लेह में थे. एक दिन पहले ही उन्होंने सोशल मीडिया पर लेह की खूबसूरती का बखान किया था और अगले ही दिन 8 अगस्त को उन्हें कार्डिएक अरेस्ट हो गया. अब सवाल यह उठता है कि क्या ज्यादा ऊंचाई की वजह से उन्हें कार्डिएक अरेस्ट हुआ या इसकी कुछ और वजह थी. दरअसल, कार्डिएक अरेस्ट तब होता है जब अचानक शरीर के अंदर इलेक्ट्रिक शॉक लगता है. इससे सेल्स ऑक्सीजन को ग्रहण करने में असमर्थ हो जाता है. इससे अचानक हार्ट धड़कना बंद कर देता है. अगर तत्काल डॉक्टर ने हस्तक्षेप नहीं किया तो तत्काल मौत निश्चित है.

ज्यादा ऊंचाई और कार्डिएक अरेस्ट में संबंध

तो क्या अंबरीश मूर्ति का निधन ज्यादा ऊंचाई की वजह से हुई. हेल्थशॉट की खबर ने मनीपाल अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट ऑफ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप कुमार डी के हवाले से इसका उत्तर दिया है. उन्होंने कहा कि जो लोग ज्यादा ऊंचाई पर रहते हैं या ज्यादा ऊंचाई पर रहने की आदत है, उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती लेकिन जो लोग समुद्र तल से 1000 मीटर से कम की ऊंचाई पर रहते हैं, उनके लिए दिक्कत हो सकती है. दरअसल, ऑक्सीजन की कमी और सर्दी के कारण नीचे से उपर जाने वाले व्यक्तियों में शारीरिक परिवर्तन होता है. इन कारणों से अचानक कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है. ऐसे लोगों को एडीमा, सेरिब्रल एडेमा या कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है. यह खतरा 3500 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर जाने के बाद बढ़ सकता है.

ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ी चुनौती

डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि कार्डिएक अरेस्ट की मुख्य वजह ऑक्सीजन की कमी, ज्यादा सर्दी, बदलती हुई आद्रता, हवा में ऑक्सीजन का कम कंस्ट्रेशन आदि है जिसके कारण शरीर में कई तरह के रिएक्शन होते हैं. इस परिस्थिति में शरीर में हार्ट रेट बढ़ जाता है. कोरोनरी वेसोडिलेशन, ब्लड कंस्ट्रेशन, रिस्पाइरेटरी रेट में वृद्धि जैसी परेशानियां सामने आती है. ऐसे में सही जानकारी, डॉक्टरों से परामर्श और ऊंचाई पर जाने से पहले हेल्थ चेकअप जरूरी है. पहाड़ पर चढ़ने से पहले डॉक्टरों के परामर्श से सही गाइडलाइन कार्डिएक अरेस्ट के खतरों से बचा सकता है.

ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं में पहाड़ पर चढ़ना खतरनाक

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने अपने गाइडलाइन में बताया है कि जिन लोगों को ब्लड प्रेशर ज्यादा है या हार्ट संबंधी अन्य जटिलताएं हैं, उन्हें पहाड़ पर चढ़ने से पहले डॉक्टरों से जरूर दिखाना चाहिए. इसके लिए जानकारी आपको पहाड़ पर मौत के जोखिम से बचा सकता है. जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में कहा गया है कि जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर है, कोरोनरी आर्टरी डिजीज है, हार्ट रिद्म एब्नॉर्मलटीज है या हार्ट फेल्योर कभी हो चुका है, ऐसे लोगों को बेहद सतर्कता के साथ पहाड़ की यात्रा करनी चाहिए. अगर इन स्थितियों में पहाड़ की यात्रा करते हैं तो सडेन कार्डिएक अरेस्ट भी हो सकता है.

कैसे करें बचाव

अगर आप पहाड़ की यात्रा कर रहे हैं और हार्ट संबंधी जटिलताएं हैं तो बेहतर है कि आप यात्रा ही न करें. यदि कर रहे हैं तो पहले डॉक्टर से सभी आवश्यक परामर्श और दवा ले लें. जैसे ही छाती में दर्द हो या सांस लेने में दिक्कत हो या उल्टी, मतली, चक्कर, हार्ट बीट में परेशानी हो, तुरंत नीचे उतर जाएं तो डॉक्टर के पास जाएं. इसके बाद ऊपर चढ़ने की गलती न करें. अगर पहाड़ पर चढ़ना है तो धीरे-धीरे चढ़ें. खूब पानी पीएं. शुरुआत के 24 घंटे एकदम आराम से उपर चढ़ें और रिलेक्स होते हुए यात्रा करें. शरीर पर कम से कम भार रखें. इमरजेंसी की तैयारी पहले से तय कर लें. जरूरी दवा हमेशा साथ में रखें और अकेले कभी भी यात्रा न करें.

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Tags: Cardiac Arrest, Health, Health tips, Lifestyle



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