
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान को पूरी दुनिया में बेनकाब करने के लिए मोदी सरकार ने ‘टीम इंडिया’ का गठन किया है. इसमें लगभग सभी दलों के सांसद हैं, जो पूरी दुनिया में जाएंगे और बताएंगे कि पाकिस्तान ऐसा क्या कर रहा था, जिसकी वजह से भारत को आर्मी एक्शन लेना पड़ा. विदेश सचिव विक्रम मिसरी सभी सांसदों को ब्रीफ कर रहे हैं, उन्हें बता रहे हैं कि विदेश में जाकर उन्हें क्या-क्या कहना है. पूरी दुनिया में पाकिस्तान को किस तरह बेनकाब करना है. मिसरी ने ‘टीम इंडिया’ को वो 10 बातें बताई हैं, जिसका खुलासा होते ही पाकिस्तान की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी.
विदेश सचिव ने सांसदों को साफ-साफ बताया कि भारत सरकार की राय क्या है. कर्नल सोफिया कुरैसी और विंग कमांडर ने जो बातें आतंकवाद और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सामने रखी, उसे दुनिया के सामने रखने की तैयारी है ताकि पाकिस्तान के आतंकवाद को छिपने की जगह न मिले. सबसे खास बात, ये सिर्फ जुबानी बातें नहीं होंगी. इसके साथ सबूत भी भेजे जाएंगे.
‘टीम इंडिया’ को मोदी सरकार का मंत्र
1. पाकिस्तान आतंकवाद का संरक्षक है, जहां से लगातार भारत के खिलाफ आतंकी भेजे जाते हैं. 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड अब भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं. पाकिस्तान ने हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे आतंकियों को राजनीतिक संरक्षण दिया. कश्मीर में आतंकवाद को पाकिस्तान की ISI द्वारा लगातार फंडिंग और ट्रेनिंग मिलती है. नारको-टेरर नेटवर्क पाकिस्तान से होता है जिसका निशाना पंजाब, कश्मीर और गुजरात के बच्चे बनते हैं.
2. पहलगाम हमले का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान से है. इसके एक-एक सबूत भी भारत के पास हैं. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान में रह रहे आतंकी इसके पीछे हैं. टीआरफ का कबूलनामा इसके पीछे सबसे बड़ा सबूत है.
3. हम 40 साल से आतंक का ये दंश झेल रहे हैं. हम बार-बार इनपुट देते हैं. आतंकियों का डीएनए मैचिंग कराने के लिए देते हैं, आतंकियों की कॉल डिटेल्स देते हैं लेकिन पाकिस्तान की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होती. इसलिए हमें एक्शन लेना पड़ा है.
4. सीजफायर की अपील पाकिस्तान के डीजीएमओ ने की. इसके बाद सरकार ने काफी सोच समझकर फैसला लिया. ऐसा इसलिए क्योंकि हमने जो टारगेट तय किए थे, उसे पूरा किया जा चुका था. हमने आतंकी ठिकाने ध्वस्त कर दिए थे. भारत आतंकवाद पर अब सॉफ्ट नहीं बल्कि पूरी शक्ति से लड़ रहा है. अब समय आ गया है हम पाकिस्तानी सेना और सरकार के इस डिजाइन को समझें और आतंकियों और उनके पहनाहगारों में अंतर करना बंद करें. .
5. सांसदों को ये भी बताया गया है कि सीजफायर में किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर करवाने का भले दावा किया हो, लेकिन उनकी बातों में कोई सच्चाई नहीं है. सच सिर्फ इतना है कि पाकिस्तान ने खुद सीजफायर की डिमांड की थी, जिस पर सहमति बनी.
6. सांसदों को ये भी ब्रीफ किया गया है कि सीजफायर के पीछे न्यूक्लियर की धमकी वाली कोई बात नहीं थी. पाकिस्तान की ओर से बातचीत के दौरान सीधे तौर पर ऐसी कोई बात नहीं की गई. इसलिए ट्रंप ये वाला दावा भी झूठा है.
7. पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर तो है, लेकिन जमात-उद-दावा, लश्कर, जैश जैसे संगठन अब भी सक्रिय हैं. भारत ने PoK को अपना अभिन्न हिस्सा बताया है, लेकिन वहां पाकिस्तान का कब्जा होने की वजह से मानवाधिकार हनन की स्थिति गंभीर है. बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले हैं. अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, जो पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करता है.
8. पाकिस्तान UN और OIC मंचों का दुरुपयोग कर भारत के खिलाफ झूठ फैलाता है. पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI की साजिश के तहत सिख अलगाववाद को विदेशों में भड़काया जा रहा है. जबकि भारत के कश्मीर में लोकतंत्र बहाल है
9. पाकिस्तानी पासपोर्ट पर हुर्रियत नेताओं की यात्रा और फंडिंग के प्रमाण भारत के पास हैं. कश्मीर से लेकर पंजाब और राजस्थान बॉर्डर में ड्रोन और हथियार गिराने की कोशिशें सामने आई हैं. इनमें पाकिस्तान की भूमिका साबित हुई है.
10. पाकिस्तान के आतंकी समूह अब अफ्रीका और खाड़ी देशों तक फैले हैं जो वैश्विक खतरा बन रहे हैं. पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को तालिबान और अल-कायदा से भी समर्थन मिल रहा है. भारत की डिजिटल ट्रेसिंग और इंटेलिजेंस नेटवर्क ने कई आतंकी मॉड्यूल को नष्ट किया है. पाकिस्तान द्वारा डिजिटल और साइबर आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. भारत की मांग है कि आतंकवाद को धर्म से जोड़ने की पाकिस्तान की नीति का अंतरराष्ट्रीय विरोध हो. दुनिया पाकिस्तान को आतंक प्रायोजक देश घोषित करे.