Home Health क्या है हसल कल्चर? बना सकता है दिल का मरीज, कार्डियोलॉजिस्ट वनीता अरोरा ने बताई चौंकाने वाली बातें

क्या है हसल कल्चर? बना सकता है दिल का मरीज, कार्डियोलॉजिस्ट वनीता अरोरा ने बताई चौंकाने वाली बातें

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क्या है हसल कल्चर? बना सकता है दिल का मरीज, कार्डियोलॉजिस्ट वनीता अरोरा ने बताई चौंकाने वाली बातें

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हाइलाइट्स

परफॉर्मेंस प्रेशर के चक्कर में ज्यादा काम करने से हेल्थ बर्बाद हो सकती है.
कॉरपोरेट वर्ल्ड के इस कल्चर के ट्रैप में फंसने से दिल के मरीज बन सकते हैं.

Hustle Culture & Cardio Health: आज के जमाने में लोगों के बीच सफलता पाने की होड़ लगी हुई है. हर कोई सफल होने के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करने के लिए तैयार है. तमाम लोग इस कल्चर को फॉलो कर रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा समय काम कर रहे हैं. इसकी वजह से उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित हो रही है. ओवरवर्क के इस ट्रेंड को हसल कल्चर (Hustle Culture) कहा जा रहा है. जानकारों की मानें तो यह कल्चर बड़े शहरों में तेजी से बढ़ रहा है और हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. इस कल्चर का असर कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ (Cardiovascular Health) पर बुरी तरह पड़ता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह कल्चर आपको दिल का मरीज भी बना सकता है.

नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोरा कहती हैं कि हसल कल्चर का हमारी हार्ट हेल्थ पर काफी नेगेटिव असर पड़ता है. समय की कमी के बावजूद लोग ज्यादा से ज्यादा काम करते हैं और उसके तनाव की वजह से खुद को बर्नआउट कर लेते हैं. इस कंडीशन में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल स्ट्रेस यानी तनाव हार्ट अटैक का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है. जब आप तनाव में होते हैं, तब आपके हार्ट को खून की सप्लाई करने वाली धमनियों पर बुरा असर पड़ता है और खून की सप्लाई बाधित होने का खतरा बढ़ सकता है.

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स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी का भी खतरा

डॉक्टर वनीता अरोरा के अनुसार हसल कल्चर में आप ज्यादातर वक्त काम करते हैं, जिससे अत्यधिक तनाव हो जाता है. कई लोग स्ट्रेस की वजह से स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी का शिकार हो जाते हैं. इस कंडीशन में हार्ट की मसल्स कमजोर हो जाती हैं और हार्ट की फंक्शनिंग कम होने लगती है. यह कंडीशन पूरी तरह रिवर्सिवल है. अगर आप तनाव को कम करने में कामयाब हो गए, तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. हालांकि इसके लिए सही समय पर कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह लेने की जरूरत होती है.

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निश्चित समय में ही करें प्रोफेशनल वर्क

कार्डियोलॉजिस्ट के मुताबिक हसल कल्चर कॉरपोरेट और मल्टीनेशनल कंपनियों का कल्चर है. हम यूरोप और अमेरिका को फॉलो कर रहे हैं और यह कल्चर तेजी से अपना रहे हैं. हालांकि सभी को अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को सेपरेट करने की जरूरत है. अगर आप पूरा वक्त प्रोफेशनल कामों में लगा देंगे, तो आपकी पर्सनल लाइफ के साथ हेल्थ भी बर्बाद हो सकती है. इससे बचने की जरूरत है. आप प्रोफेशनल कामों में निश्चित समय में ही करें और तनाव को मैनेज करें. आप रोज अपने लिए मी टाइम जरूर निकालें और रिलेक्स होने के लिए योगा व एक्सरसाइज करें. इससे आपको हेल्थ को बेहतर रखने में काफी मदद मिल सकती है और बीमारियों से बचाव भी हो सकता है.

ऑफिस का काम घर तक न लाएं

डॉक्टर वनीता की मानें तो कॉरपोरेट वर्ल्ड में कॉम्पटीशन बहुत ज्यादा है. बॉसेस कंपनी के एंप्लाईज को एक दूसरे से कंपीट कराते हैं, जिसके प्रेशर में आकर लोग एक्स्ट्रा काम करना शुरू कर देते हैं. परफॉर्मेंस प्रेशर के चक्कर में लोग ऑफिस का काम घर तक ले आते हैं, जिसकी वजह से आप खुद पर ध्यान ही नहीं दे पाते. ऐसे में जरूरत है कि आप खुद को इस ट्रैप से बचाएं, क्योंकि भले ही ओवरवर्क करके आप प्रोफेशनल लाइफ की कॉम्पटीशन में जीत सकते हैं, लेकिन अपनी हेल्थ और पर्सनल लाइफ में बहुत कुछ खो देंगे. ऐसे में सभी इस ट्रैप से बचें और खुद का भी ख्याल रखें.

Tags: Health, Heart attack, Lifestyle, Trending news

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