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नींद सेहतमंद रहने के लिए बहुत जरूरी है। कम से कम 7-8 घंटे की नींद फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी है। लेकिन बात जब कपल्स के रिलेशनशिप की हो तो नींद का जिक्र नहीं किया जाता। भले ही एक बिस्तर पर सोकर किसी एक इंसान को रातभर नींद ना आने की समस्या का सामना करना पड़े। ऐसे में रिश्ते में खटपट और झगड़े होना आम बात है। नींद की कमी तनाव बढ़ाने के साथ ही रिश्ते में चिड़ाचिड़ापन पैदा करने लगती है। ऐसे में कपल्स अब स्लीप डिवोर्स ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं। जिसमे वो अलग-अलग कमरों में आराम से सोते हैं।
क्या है स्लीप डिवोर्स
स्लीप डिवोर्स किसी एग्रीमेट की तरह है जिसमे पति-पत्नी एक ही घर में रहते हैं लेकिन रात के वक्त एक बेड और कमरा शेयर नहीं करते हैं। कपल्स का यूं इस तरह अलग-अलग सोना आमतौर पर रिश्ते के खत्म होने या कड़वाहट होने का प्रतीक माना जाता है। लेकिन कई सारे कपल्स इस वजह से रिलेशनशिप में बेहतरी महसूस कर रहे हैं। हालांकि स्लीप डिवोर्स पूरी तरह से आपसी रजामंदी पर डिपेंड करता है। जिसमे थोड़े समय के बाद वापस से पुराने रूटीन में लौटा जा सकता है और कपल साथ में सोने लगते हैं।
क्यों हो रही स्लीप डिवोर्स की जरूरत
-कपल्स के बीच किसी एक पार्टनर के खर्राटे लेने की आदत दूसरे को रातभर चैन से सोने नहीं देती।
-वहीं रातभर काम का शेड्यूल और लैपटॉप पर वर्क पार्टनर की नींद को डिस्टर्ब करता है।
-कुछ लोगों को स्लीप एपनिया की समस्या होती है तो वहीं कुछ कपल्स किसी एक के बार-बार बाथरूम जाने की समस्या से परेशान रहते हैं।
-कई बार कुछ लोगों को अकेले सोना पसंद होता है। ऐसे में स्लीप डिवोर्स इस तरह के लोगों के रिश्ते को बचाने का काम कर रहा है।
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स्लीप डिवोर्स के फायदे
नींद की कमी कपल्स के बीच झगड़े और मनमुटाव का कारण बनने लगती है। काम का तनाव और नींद की कमी अगर रिश्ते पर असर डाल रही है तो अलग-अलग सोना बुरा नही है। हालांकि इसमे आपसी समझ जरूरी है। कपल को ये समझना जरूरी है कि रिलेशनशिप में अलग-अलग सोने से इंटीमेसी पर फर्क नहीं पड़ता। बस जब आप बिना डिस्टर्बेंस नींद चाहते हैं तो अलग बेड पर जाकर सुकून की नींद ले सकें। ट्रेंड में चल रहे इस डिवोर्स के काफी सारे फायदे यंग जनरेशन को दिख रहे हैं और वो इसे काफी पसंद कर रहे हैं।