Home Health क्या होता है रेनबो बेबी, पेरेंट्स जानें शरीर में इससे होने वाले बदलाव के बारे में

क्या होता है रेनबो बेबी, पेरेंट्स जानें शरीर में इससे होने वाले बदलाव के बारे में

0
क्या होता है रेनबो बेबी, पेरेंट्स जानें शरीर में इससे होने वाले बदलाव के बारे में

[ad_1]

हाइलाइट्स

पेरेंट्स के लिए अलग अनुभव हो सकता है.
ऐसे बेबी पेरेंट्स का दुख कम कर सकते हैं.
इस दौरान पेरेंट्स को रखना चाहिए विशेष ध्‍यान.

What Is Rainbow  Baby: कई मिसकैरेज, स्टिलबर्थ और नवजात शिशु की मृत्‍यु के बाद जब किसी हेल्‍दी बेबी का जन्‍म होता है, तब उसे रेनबो बेबी कहते हैं. ये ठीक वैसा ही है जब बारिश के बाद रेनबो निकलता है, उसी तरह एक बच्‍चे को खोने के बाद पैदा होने वाले हेल्‍दी बेबी को रेनबो बेबी कहते हैं. रेनबो बेबी का लालन-पालन मुश्किल होता है, क्‍योंकि इसमें दुख और खुशी दोनों का एहसास मिला-जुला होता है. इस मिलेजुले एहसास से पोस्‍टमार्टम डिप्रेशन भी हो सकता है.

रेनबो बेबी का होना पेरेंट्स के लिए एक अलग तरह का अनुभव हो सकता है. जो कपल एक बार अपना बच्‍चा खो चुके होते हैं, उनके मन में फि‍र से पेरेंट बनने पर खुशी के साथ डर भी होता है. तो चलिए जानते हैं आखिर रेनबो बेबी के पेरेंट्स कैसे करें खुद को तैयार.

ये भी पढ़ें: लिवर को दुरुस्‍त रखते हैं ये फूड्स, सर्दी के मौसम में कर सकते हैं इनका सेवन

खास होते हैं रेनबो बेबी
वेरीवेल फेमिली के अनुसार रेनबो बेबी अपने साथ माता-पिता और पूरे परिवार के लिए खुशियां लेकर आता है. रेनबो बेबी पेरेंट्स को भावनात्‍मक रूप से पॉजिटिविटी की ओर ले जाते हैं. रेनबो बेबी पेरेंट्स के दुख और तकलीफ को भी कम करने में मदद करते हैं. इसलिए रेनबो बेबी पेरेंट्स के लिए किसी खजाने से कम नहीं होते.

पेरेंट्स रखें इन बातों का ध्‍यान
रेनबो बेबी से पहले या बाद के बेबी को खो चुके पेरेंट्स एंग्‍जाइटी, पोस्‍टमार्टम डिप्रेशन जैसी कंडिशन का सामना कर रहे होते हैं. ऐसे में फि‍र से प्रेग्‍नेंसी को लेकर डर और कई शंकाएं होती हैं. ऐसे में जबतक मां पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्‍वस्‍थ न हो, तबतक परिवार आगे बढ़ाने के बारे में विचार नहीं करना चाहिए.

ऐसे हासिल करें सपोर्ट
डॉक्‍टर या मिडवाइफ की सहायता लेना फायदेमंद हो सकता है, क्‍योंकि वे पेरेंट्स की मेडिकल हिस्‍ट्री के बारे में जानते हैं. ये दोनों ही आपके डर और चिंताओं को अच्‍छी तरह से समझ सकते हैं. पैरेंट्स के लिए रेनबो बेबी प्रेग्‍नेंसी के दौरान सपोर्ट ग्रुप्‍स के साथ रहना फायदेमंद हो सकता है.

ये भी पढ़ें: Bad breath treatment: मुंह की गंदी बदबू से हैं परेशान तो इन चीज का करें इस्तेमाल, गारंटी से दूर भागेगी स्मेल

पोस्‍टमार्टम इमोशंस
रेनबो बेबी के साथ आने वाले मिक्‍स्‍ड इमोशंस कई बार बच्‍चे के पैदा होने के बाद भी बने रह सकते हैं. रिसर्च के मुताबिक, करीब 20 प्रतिशत ऐसे पैरेंट्स जो अर्ली प्रेग्‍नेंसी लॉस से गुजरते हैं, डिप्रेशन या एंग्‍जाइटी का शिकार होते हैं. जो उन्‍हें तीन साल तक परेशान कर सकते हैं. प्रेग्‍नेंसी लॉस से पोस्‍ट-ट्रॉमेटिक स्‍ट्रेस भी हो सकता है. यह जरूरी है कि पेरेंट्स दुख से बाहर निकलें. नए बच्‍चे की हमेशा चिंता करने से एंग्‍जाइटी की समस्‍या हो सकती है. बच्‍चे को लेकर ये चिंता अगर लगातार बनी रहती है और डेली वर्क में भी परेशानी खड़ी करती है, तब पेरेंट्स को मेंटल हेल्‍थ प्रोफेशनल की मदद लेनी चाहिए.

Tags: Health, Lifestyle

[ad_2]

Source link