
हाइलाइट्स
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को एक दूसरे का पूरक बताया गया है.
भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार माना जाता है.
Lord Vishnu : सनातन धर्म में अनेक देवी देवताओं की पूजा की जाती है और उनका अपना अपना विशेष महत्व है. हर देवी देवता से जुड़ी कोई ना कोई पौराणिक कथा आपने हिंदू धर्म में पढ़ी या सुनी होगी. इसके अलावा आपने भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की तस्वीर को गौर से देखा होगा. जिसमें माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरणों के समीप बैठी हुई देखी जा सकती हैं. मुद्रा में उन्हें बैठा देखकर आपके मन में सवाल तो उठा ही होगा कि आखिर ऐसी क्या वजह है जिसके कारण माता लक्ष्मी हमेशा भगवान विष्णु के चरणों के पास ही बैठी दिखाई देती हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
दोनों एक दूसरे के पूरक
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को एक दूसरे का पूरक बताया गया है. कहते हैं जिन लोगों को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद एक साथ प्राप्त होता है उस व्यक्ति की किस्मत चमक उठती है.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी हमेशा भगवान विष्णु के साथ बैकुंठ धाम में विराजमान रहती हैं. जहां एक तरफ भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार माना जाता है तो वहीं माता लक्ष्मी सृष्टि की संचालक कही जाती हैं.
नारद मुनि का आगमन
धार्मिक कथाओं के अनुसार एक बार की बात है. देव ऋषि नारद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु के दर्शन करने के लिए पहुंच गए. उस समय भगवान विष्णु निद्रा में थे जिसके कारण देव ऋषि नारद ने उनकी प्रतीक्षा करना उचित समझा. इस दौरान उन्होंने माता लक्ष्मी को भगवान विष्णु के चरणों में बैठा देखा तो नारद मुनि के मन में एक सवाल आया कि आखिर माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरणों की तरफ ही क्यों बैठती हैं.
यह है मुख्य वजह
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी ने नारद मुनि से कहा स्त्री के हाथ में देव गुरु बृहस्पति का वास होता है और पुरुषों के पैर में दैत्य गुरु शुक्राचार्य का वास होता है. इससे शुभता का प्रसार होता है इसके अलावा धन आगमन भी होता है. यही कारण है कि देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु के ना सिर्फ चरणों के समीप बैठती हैं बल्कि उनके चरणों को अपने हाथों से दबाती भी हैं
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Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu, Religion
FIRST PUBLISHED : May 05, 2023, 18:07 IST