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Keshav Prasad Maurya News: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का पिछले विधानसभा चुनाव में अपनी सीट हार जाना हर किसी को हैरत में डाल गया था। केशव की हार से विपक्ष को जहां उन पर और बीजेपी पर निशाना साधने का मौका मिल गया वहीं कई राजनीतिक विश्लेषकों ने भी शुरू-शुरू में केशव के करियर के लिए बड़ा नुकसान बताया। हालांकि सरकार गठन में जब उन्हें दोबारा डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी मिली तो ऐसी सभी अटकलों पर विराम लग गया। इन नतीजों के 14 महीने बाद अब डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने अपनी हार को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने बताया है कि आखिरकार सिराथू की सीट पर सपा उम्मीदवार पल्लवी पटेल से हार कैसे गए?
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा पार्टी का नेतृत्व कर रहे नेता चुनाव एक सीट पर नहीं लड़ते हैं। जैसे उत्तर प्रदेश में हम 403 सीटों पर लड़ रहे थे। अपनी विधानसभा के लिए मुझे बड़ी मुश्किल से 15 दिन ही मिल पाए। अब आप चाहे मंत्री हों या प्रदेश के नेता मतदाता को इससे क्या मतलब? वह इसकी परवाह नहीं करता है। वह सिर्फ यह सोचता है कि ये केशव जी हैं। ये हमारे साथ उठते-बैठते थे। आज इनके पास हमसे वोट मांगने की भी फुर्सत नहीं है। 15 दिन में आप पूरी विधानसभा कवर नहीं कर सकते। सिराथू में यही हुआ।
बता दें कि सिराथू सीट पर पल्लवी पटेल ने 7337 वोटों से केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव हरा दिया था। मतगणना के दौरान वहां ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर हंगामा भी हुआ था। इसके चलते एक घंटे तक वहां मतगणना रोकनी पड़ी थी। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के इंटरव्यू में केशव मौर्य को 1957 में सीबी गुप्ता और 1967 में कमतापति त्रिपाठी की हार का उदाहरण देते हुए पूछा गया था कि सिराथू सीट पर उनकी हार के पीछे क्या कारण रहे? जवाब में केशव मौर्य ने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी सीट के लिए बेहद कम वक्त मिल पाने को वजह के तौर पर गिनाया।
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