Home Tech & Gadget खतरनाक! केवल 3 सेकेंड में कॉपी हो सकती है आपकी आवाज, करीबियों को लग सकता है चूना; जानें कैसे

खतरनाक! केवल 3 सेकेंड में कॉपी हो सकती है आपकी आवाज, करीबियों को लग सकता है चूना; जानें कैसे

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खतरनाक! केवल 3 सेकेंड में कॉपी हो सकती है आपकी आवाज, करीबियों को लग सकता है चूना; जानें कैसे

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चेहरे की तरह ही आपकी आवाज भी आपकी पहचान करने के सबसे भरोसेमंद तरीकों में से एक है लेकिन कैसा हो अगर इसे आसानी से कॉपी किया जा सके। खतरनाक बात यह है कि ऐसा सच में हो सकता है और केवल 3 सेकेंड की ऑडियो क्लिप की मदद से किसी की भी आवाज की नकल तैयार की जा सकती है। ऐसा आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी टेक्नोलॉजी की मदद से संभव हो सका है। 

आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी इन दिनों लगातार सुर्खियां बटोर रही है और इससे जुड़े नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अब नई VALL-E टेक्नोलॉजी तैयार की है, जिसके गलत इस्तेमाल का डर सभी को सता रहा है। माइक्रोसॉफ्ट की यह AI टेक्नोलॉजी केवल 3 सेकेंड में किसी भी आवाज की नकल तैयार कर सकती है, जिसका इस्तेमाल बाद में किया जा सकता है। 

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किसी भी आवाज में बात कर सकता है टूल

खास बात यह है कि VALL-E ना सिर्फ किसी आवाज की नकल कर सकता है, बल्कि उस आवाज में अलग-अलग इमोशंस और टोन्स में बात भी कर सकता है। इसकी मदद से ऐसी बातें बुलवाईं जा सकती हैं, जो असली स्पीकर ने कभी कही ही नहीं। यानी कि आपकी आवाज में यह टूल कुछ भी बोलते हुए आपके करीबियों को चकमा दे सकता है। मौजूदा अन्य AI मॉडल्स के मुकाबले यह बड़ा अपग्रेड है। 

ऐसे काम करता है माइक्रोसॉफ्ट VALL-E

किसी आवाज की नकल करने के लिए AI टूल VALL-E को केवल 3 सेकेंड की ऑडियो क्लिप की जरूरत होती है। इस टूल को करीब 60,000 घंटे के इंग्लिश स्पीच डाटा की मदद से ट्रेनिंग दी गई है और यह आसानी से ऑडियो कंटेंट तैयार कर देता है। कंपनी की कोशिश है कि इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सही जगहों पर यूजर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किया जाए और गलत मंसूबों के लिए ना हो सके। 

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लगातार बेहतर हो रही है AI टेक्नोलॉजी

VALL-E की मदद से तैयार किए गए ऑडियो सैंपल्स Github पर भी शेयर किए गए हैं और इससे मिलने वाले परिणामों पर प्रतिक्रिया ली जा रही है। कुछ ऑडियो क्वॉलिटी के मामले में बिल्कुल सामान्य लगते हैं, वहीं बाकी रोबोटिक और मशीन-जेनरेटेड सुनाई देते हैं। इस टेक्नोलॉजी में लगातार सुधार किया जा रहा है और वक्त के साथ यह बेहतर होती जाएगा। ऐसे टूल्स के गलत इस्तेमाल को रोकने की दिशा में जरूरी कदम उठाना भी अनिवार्य हो गया है।

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