Wednesday, March 12, 2025
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खत्म नहीं होगी जेईई एडवांस्ड परीक्षा, IIT संस्थानों ने केंद्र सरकार के इस प्लान पर लगाया अड़ंगा


IIT JEE Advanced Exam: आईआईटी, एनआईटी समेत देश के सभी केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई) में दाखिले के लिए एक कॉमन इंजीनियरिंग एंट्रेस एग्जाम कराने के केंद्र सरकार के सुझाव को आईआईटी संस्थानों ने खारिज कर दिया है। अप्रैल माह में हुई आईआईटी काउंसिल की मीटिंग में केंद्र सरकार ने विद्यार्थियों पर विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं का बोझ करने और कोचिंग कल्चर को कम करने के लिए कॉमन इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा कराने का प्रस्ताव पेश किया था। केंद्र सरकार की योजना में जेईई एडवांस्ड परीक्षा को खत्म करना भी शामिल है। 18 अप्रैल को हुई इस बैठक की विस्तृत डिटेल्स गुरुवार को जारी की गई। 

बैठक में नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडेशन काउंसिल (नैक)  के चेयरपर्सन अनिल सहस्रबुद्धे की ओर से एक प्रस्ताव ‘सभी सीएफटीआई संस्थानों के लिए कॉमन एडमिशन टेस्ट की जरूरत’ पेश किया गया। बैठक की रिपोर्ट के मुताबिक  “आईआईटी के अध्यक्षों और परिषद के अन्य सदस्यों के बीच इस मामले पर विस्तृत चर्चा हुई। एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) 2020 को ध्यान में रखते हुए और देश भर में छात्रों की भलाई के लिए अगले तीन से चार महीनों में विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार विमर्श करने का निर्णय लिया गया।”

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि प्रवेश परीक्षाओं की संख्या में कमी से न केवल छात्रों पर बोझ कम होगा बल्कि कोचिंग संस्थानों पर बच्चों की निर्बरता भी कम होंगी।

देश के 23 आईआईटी संस्थान वर्तमान में जेईई एडवांस्ड परीक्षा के माध्यम से छात्रों को दाखिला देते हैं। इस परीक्षा का आयोजन ये संस्थान खुद ही बारी बारी से करते हैं। जेईई एडवांस्ड में बैठने के लिए जेईई मेन के टॉप ढाई लाख रैंकर्स में शामिल होना होता है। जेईई मेन एनटीए द्वारा आयोजित किया जाता है।

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सहस्रबुद्धे ने प्रस्ताव की पुष्टि करते हुए कहा, “छात्रों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए परिषद के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। यह एनईपी 2020 के अनुरूप है जो छात्रों के बोझ को कम करने के लिए एक कॉमन एंट्रेंस एग्जाम की वकालत करता है। हालांकि, यह अभी भी विचार-विमर्श के बहुत प्रारंभिक चरण में है।” 

एनईपी 2020 उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन प्रवेश परीक्षा की सिफारिश करती है। इसी के मद्देनजर पिछले साल सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्सेज में प्रवेश के लिए एक कॉमन विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) शुरू की गई।

बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर आईआईटी के निदेशक कॉमन एंट्रेंस एग्जाम के पक्ष में नहीं हैं। एक आईआईटी के निदेशक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा “अधिकांश आईआईटी संस्थान टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स के लिए कॉमन प्रवेश परीक्षा का हिस्सा बनने के पक्ष में नहीं हैं। आईआईटी की चयन प्रक्रिया बहुत व्यापक है और संस्थान इससे समझौता नहीं कर सकते। इसकी संभावना नहीं है कि आईआईटी निकट भविष्य में कॉमन प्रवेश परीक्षा के लिए सहमत होंगे।” 

एक अन्य आईआईटी के निदेशक ने कहा, ‘यदि आईआईटी कॉमन प्रवेश परीक्षा का हिस्सा बन जाते हैं तो वे अपनी अलग पहचान व विशिष्टता खो देंगे।’

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जेईई एडवांस्ड के पैटर्न व कठिनाई के स्तर पर चर्चा

बैठक की रिपोर्ट के मुातबिक परिषद को प्रवेश परीक्षाओं के मौजूदा पैटर्न की इस तरह से समीक्षा करने के लिए भी कहा गया था जिससे छात्रों के लिए कोचिंग की आवश्यकताएं कम हो जाएं। आईआईटी दिल्ली को ऐसा करने और पांच महीने के भीतर मंत्रालय को एक प्रस्ताव सौंपने के लिए कहा गया है। आईआईटी-दिल्ली के अधिकारियों ने प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया लेकिन आईआईटी काउंसिल के एक सदस्य ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, “परीक्षा आयोजित करने के तरीके और जेईई एडवांस्ड परीक्षा के कठिनाई स्तर को लेकर चिंताएं हैं। संभावना है कि प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया पर दोबारा विचार करने और समीक्षा करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी।”

कई भारतीय भाषाओं में हो जेईई एडवांस्ड

मिनट्स में आईआईटी काउंसिल को जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा विभिन्न भारतीय भाषाओं में आयोजित करने के लिए कहा गया जैसे एनटीए अंग्रेजी और हिंदी सहित तेरह भाषाओं में जेईई (मेन्स) आयोजित करता है। वर्तमान में यह  केवल अंग्रेजी और हिंदी में आयोजित की जाती है।



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