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Silent Disease Kills Millions: दुनिया भर में एक साइलेंट बीमारी लाखों लोगों की जान ले रही है. दुनिया भर के वैज्ञानिकों तत्काल इस पर कदम उठाने की अपील की है.

साइलेंट लिवर डिजीज.
हाइलाइट्स
- क्रोनिक लिवर डिजीज से लाखों की मौत
- लक्षण न दिखने से पहचान में देरी
- समय पर पहचान न होने पर लिवर कैंसर का खतरा
Silent Disease Kills Millions: दुनिया भर के मेडिकल एक्सपर्ट ने गंभीर चेतावनी देते हुए कहा है कि लिवर की एक साइलेंट बीमारी खामोशी से शरीर में घुसती है और जल्दी ही शरीर को खोखला करने लगती है. इस बीमारी से लाखों लोगों की मौत हो रही है. इसलिए विश्व की सरकारों को इस तरफ तत्काल ध्यान देने की जरूरत है, वरना यह साइलेंट बीमारी बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. इस बीमारी का नाम है क्रोनिक लिवर डिजीज. इसमें दो बीमारिया आती है. मेटाबोलिक डिसफंक्शन एसोसिएटेड स्टीयोटोटिक लिवर डिजीज-MASLD और दूसरी है मेटाबोलिक डिसफंक्शन एसोसिएटेड स्टीयोटोहेपाटाइटिस-MASH. पहले MASLD होता है इसके बा इसका गंभीर रूप MASH के रूप में सामने आता है. यह क्रोनिक लिवर डिजीज है.
इस सप्ताह जून 2025 में स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित एक वैश्विक बैठक में 100 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने यह गंभीर चेतावनी दी कि जब तक लिवर की बीमारी के लिए शुरुआती पहचान और व्यक्ति-केंद्रित देखभाल को तुरंत प्राथमिकता नहीं दी जाती तब तक लाखों लोग स्वास्थ्य सेवाओं की नजरों से बाहर रहेंगे.यह लेख द लांसेट रीजनल हेल्थ यूरोप में प्रकाशित हुआ है.हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा कि लिवर की यह बीमारी चुपचाप लाखों लोगों की जान ले रही है. एक खामोश स्वास्थ्य संकट दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है और करोड़ों लोगों को प्रभावित कर रहा है. इस बीमारी में अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि उन्हें यह बीमारी है या नहीं. एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर इसकी पहचान नहीं हुई और चिकित्सा प्राथमिकताओं में बदलाव नहीं किया गया तो इसके परिणाम विनाशकारी और लंबे समय तक बने रह सकते हैं.
तेजी से लिवर कैंसर में बदल जाती बीमारी
मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-असोसिएटेड स्टीएटोटिक लिवर डिजीज लगभग 33 प्रतिशत वयस्कों को प्रभावित करती है.इसका अधिक आक्रामक रूप मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-असोसिएटेड स्टीएटोहेपेटाइटिस है. यह बीमारी करीब 5 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती है. टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा या अन्य कार्डियोमेटाबॉलिक जोखिम वाले लोगों में इसका खतरा काफी अधिक है. इस बीमारी के लक्षण तब तक नहीं दिखाता जब तक यह गंभीर स्थिति में नहीं पहुंच जाए. जब बीमारी गंभीर स्थिति में पहुंच जाती है तब तक यह सिरोसिस या लिवर कैंसर में बदल सकता है.आईएसग्लोबल में पब्लिक हेल्थ लिवर ग्रुप के प्रमुख और अध्ययन के मुख्य लेखक जेफ्री लाजर ने एक बयान में कहा कि मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-असोसिएटेड स्टीएटोहेपेटाइटिस पर काबू पाना इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसकी शुरुआत में किस तत्परता से पहचान करते हैं. अगर यह फाइब्रोसिस हो गया तो इलाज की राहें मुश्किल हो जाती है.
इस बीमारी में लिवर में चर्बी जमा होने लगती है जिसके कारण लिवर में घाव होने लगता है. इसे पहले नॉन अल्कोहलिक स्टीयोटोहेपाटाइटिस कहा जाता है. अगर इसका इलाज न हो तो यह सिरोसिस और लिवर कैंसर में बदल जाता है.
एमएएसएच के लक्षण
मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-असोसिएटेड स्टीएटोहेपेटाइटिस (MASH) के लक्षण तब तक नहीं दिखते जब तक यह आपके लिवर को गंभीर रूप से नुकसान न पहुंचा दे. यह स्थिति धीरे-धीरे वर्षों में विकसित होती है.जब यह बीमारी गंभीर होने लगती है तो थकान,पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में असहजता या दर्द, बिना कारण वजन कम होना, मांसपेशियों में कमजोरी या कमी,पेट या पैरों में सूजन जैसे संकेत दिखते हैं. अगर स्थिति और गंभीर हो जाए तो आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया) शामिल हो सकते हैं. शुरुआती MASH में अक्सर स्पष्ट लक्षण नहीं होते, इसलिए नियमित जांच कराना आवश्यक है खासकर यदि आपका वजन ज्यादा है या डायबिटीज है या हाई कोलेस्ट्रॉल है तो आपको रेगुलर चेकअप कराना चाहिए.
Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें
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