Saturday, May 17, 2025
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खुद विमान उड़ाकर चेन्नई पहुंचे थे पूर्व PM राजीव गांधी, जानें- 32 साल पूर्व हत्या से पहले क्या-क्या हुआ था?


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Rajiv Gandhi Death Anniversary: प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार गिरने के बाद 1991 में देश में आम चुनाव हो रहे थे। उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। राजीव 21 मई 1991 को चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दूर एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे लेकिन पहले से ही वहां मौजूद मानव बम बनी एक युवती ने राजीव गांधी को झुककर प्रणाम करते हुए शक्तिशाली बम विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया था, जिसमें राजीव गांधी समेत कुल 15 लोगों को चिथड़े उड़ गए थे।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजीव गांधी तब खुद विशाखापट्टनम से विमान उड़ाकर चेन्नई पहुंचे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजीव तब चेन्नई नहीं जाना चाह रहे थे। यहां तक कि विमान में तकनीकी गड़बड़ी भी आई गई थी लेकिन ठीक हो जाने के बाद भारी मन से राजीव वहां पहुंचे थे क्योंकि वहां की कांग्रेस उम्मीदवार ने उनसे आने का आग्रह किया था, जिसे वो टाल नहीं पाए थे।

पुलिस अफसर की सूचना से बदल गया पूरा दृश्य:

रिपोर्ट में मशहूर पत्रकार राशिद किदवई के हवाले से कहा गया है कि 21 मई, 1991 की शाम 6 बजे विशाखापट्टनम से राजीव गांधी चेन्नई के लिए विमान पर सवार होने वाले थे लेकिन उससे पहले पायलट कैप्टन चंदोख ने बताया कि विमान में तकनीकी गड़बड़ी आ गई है और उसकी संचार व्यवस्था काम नहीं कर रही है। इसके बाद राजीव गांधी गेस्ट हाउस लौट रहे थे, तभी मोटरसाइकिल पर तेजी आकर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विमान की गड़बड़ी ठीक कर ली गई है।

मद्रास जाने पर पसोपेश में थे राजीव गांधी:

इससे पहले भूख की शिकायत करने पर विशाखापट्टनम की कांग्रेस उम्मीदवार उनके लिए इडली-वडा लेकर आई थीं लेकिन विमान पकड़ने की हड़बड़ी में वह नाश्ता कार में ही छूट गया। राजीव बहुत थक चुके थे। भूख से भी परेशान थे। वह चेन्नई नहीं जाना चाह रहे थे लेकिन अपने पार्टी उम्मीदवार का अनुरोध ठुकरा भी नहीं पा रहे थे। इसी जद्दोजहद में राजीव गांधी ने चेन्नई के लिए उड़ान भर ली। वह खुद विमान उड़ा रहे थे क्योंकि वह एक लाइसेंसधारी पायलट थे।

कैसे हुआ विस्फोट?

राजीव के विमान ने शाम 6.30 बजे विशाखापट्टनम से उड़ान भरी और मद्रास एयरपोर्ट पर रात 8.20 बजे उसकी लैंडिंग हुई। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही राजीव एक बुलेटप्रूफ कार में बैठकर तमिलनाडु कांग्रेस के नेताओं के साथ श्रीपेरम्बदूर के लिए रवाना हो गए। वह 10.10 बजे वहां पहुंच गए। पुरुषों से मिलने के बाद राजीव गांधी ने महिलाओं की तरफ रुख किया। तभी नाटी कद की एक युवती जो हाथों में चंदन का हार लिए हुई थी, राजीव गांधी की तरफ बढ़ी। जैसे ही वह युवती राजीव गांधी के पैरों को झुककर छूने की कोशिश की, तभी वहां भयानक शक्तिशाली विस्फोट हो गया। उस वक्त मंच पर राजीव गांधी के सम्मान में एक गीत गाया जा रहा था।

संवाददाता की साड़ी पर खून के कतरे:

मंच से करीब 10 मीटर की दूरी पर तब गल्फ न्यूज की संवाददाता नीना गोपाल राजीव गांधी की सहयोगी सुमन दूबे से बात कर रही थी, तभी विस्फोट हो गया। बीबीसी से बात करते हुए गोपाल ने बताया कि उस दिन उन्होंने सफेद साड़ी पहने रखी थी। जब विस्फोट हुआ तो उनकी साड़ी पर खून के कतरे और मांस के टुकड़े आकर बिखर गए थे। उस भयंकर धमाके के वक्त तमिलनाडु कांग्रेस के तीन बड़े नेता जीके मूपनार, जयंती नटराजन और राममूर्ति मौजूद थे। 

सुरक्षा अधिकारी के पैर पर राजीव के चिथड़े:

राजीव गांधी के शरीर के चिथड़े उड़ चुके थे और कुछ हिस्सा उनके सुरक्षा अधिकारी पीके गुप्ता के पैरों पर गिर चुका था, जो खुद अंतिम सांसे गिन रहे थे। मूपनार ने बाद में लिखा था की पीके गुप्ता ने उन्हें देखकर कुछ कहने की कोशिश की थी लेकिन कह नहीं पाए थे और मेरी आंखों के सामने दम तोड़ दिया था। कुछ महीनों बाद इस हत्या के आरोप में LTTE के सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था।



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