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ईदगाह नामक ढांचे के नाम से नगर निगम मथुरा-वृंदावन में कोई भी सम्पत्ति दर्ज नहीं है और न ही कोई जल संयोजन है। यह आख्या नगरनिगम मथुरा-वृंदावन की है, जो वादी पक्षकार श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही मस्जिद ईदगाह, पीठाधीश्वर सिद्वपीठ माता शाकुम्भरी और केंद्रीय अध्यक्ष श्री कृष्णजन्म भूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट भृगुवंशी आशुतोष पांडेय के पत्र के जवाब में भेजी गई है।
5 फरवरी को वादी पक्षकार श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही मस्जिद ईदगाह, पीठाधीश्वर सिद्वपीठ माता शाकुम्भरी और केंद्रीय अध्यक्ष श्री कृष्णजन्म भूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट भृगुवंशी आशुतोष पांडेय ने नगरनिगम मथुरा-वृंदावन के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को पत्र भेजकर पूछा था कि नगर-निगम अभिलेखों में ईदगाह नामक ढांचे या उसकी तथाकथित समिति के नाम कोई जगह है या किसी प्रकार का कर जमा किया जाता है और क्या जल का कनेक्शन है।
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आशुतोष पांडेय को इसका जवाब नगरनिगम ने 10 फरवरी को दिया। इस पत्र में नगरनिगम ने अवगत कराया कि नगर निगम कर विभाग एवं जलकल विभाग के कर्मचारियों द्वारा किये गये स्थलीय निरीक्षण की आख्या के क्रम में तथा सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा प्रमाणित सूचना / अभिलेखीय आख्या के आधार पर अवगत कराना है कि प्रश्नगत ईदगाह नामक ढांचे के नाम से नगर निगम मथुरा-वृंदावन में कोई भी सम्पत्ति दर्ज नहीं है एवं न कोई जल संयोजन / कनेक्शन है। नगरनिगम के इस पत्र के मिलने के बाद आशुतोष पांडेय ने कहा है कि वह इस जानकारी को न्यायालय में चल रहे वाद में शामिल कराएंगे।
मथुरा-वृंदावन नगरनिगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, एसके गौतम ने कहा कि नगरनिगम के विभिन्न पटलों से जानकारी ली गई, जिसके बाद पता चला कि ईदगाह के नाम पर न तो कोई सम्पत्ति है और न ही कोई कर लिया जा रहा है। यही जानकारी आवेदक को दी गई है।