Home National गजब का शातिर निकला ये चोर, मां का इलाज कराते-कराते कर ली अस्‍पताल की रेकी; डिस्‍चार्ज के बाद उड़ाए नौ लाख 

गजब का शातिर निकला ये चोर, मां का इलाज कराते-कराते कर ली अस्‍पताल की रेकी; डिस्‍चार्ज के बाद उड़ाए नौ लाख 

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गजब का शातिर निकला ये चोर, मां का इलाज कराते-कराते कर ली अस्‍पताल की रेकी; डिस्‍चार्ज के बाद उड़ाए नौ लाख 

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Theft in Hospital गोरखपुर में एक चोर इतना शातिर निकला कि मां का इलाज कराते-कराते अस्‍पताल की रेकी कर ली। यही नहीं मां के डिस्‍चार्ज होने और घर पहुंचने के 15 दिन बाद अस्‍पताल के अकाउंट ऑफिस से 9.37 लाख रुपए उड़ा दिए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शातिर चोर हरिशंकर जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से चार लाख 65 हजार रुपये भी बरामद कर लिए गए हैं।

एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि कैंट थानाक्षेत्र की गांधी गली में न्यू उदय हॉस्पिटल से 30 मार्च की रात में आलमारी से नौ लाख 37 हजार रुपये की चोरी हुई थी। हॉस्पिटल की ओर से कैंट पुलिस को तहरीर देकर केस दर्ज कराया गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच में जुटी पुलिस ने सोमवार को आरोपित को पकड़ लिया उसकी पहचान झंगहा थानाक्षेत्र के रामपुर बाजार के मूल निवासी और वर्तमान में गुलरिहा थानाक्षेत्र के सेमरा में रहने वाले हरिशंकर के रूप में हुई। उसकी निशानदेही पर नई बाजार स्थित उसकी दुकान से चोरी के चार लाख 65 हजार 437 रुपये नकदी, लोहे के तीन सब्बल, एक मंकी कैप तथा झोला और गुलाबी शर्ट बरामद हुई।

पकड़े जाने से बचने को सिर और मूंछ मुड़वा लिया

हरिशंकर शातिर चोर है। चोरी की यह उसकी तीसरी घटना है इससे पहले शाहपुर और खोराबार में उसके खिलाफ चोरी के तीन केस दर्ज हैं। चौरीचौरा सहित अन्य जगहों पर भी केस दर्ज हैं। हॉस्पिटल में चोरी के बाद पुलिस को चकमा देने के लिए वह बाइक की जगह साइकिल से गया था। हॉस्पिटल में घुसते समय बिना मास्क के गया लेकिन निकलते समय मास्क लगा रखा था। गोलघर होते हुए रात में रेलवे स्टेशन पहुंचा और वहां चाय पी। सीसीटीवी से पुलिस ने उसके रास्ते को भी ट्रेस कर लिया। चोरी के बाद उसने सिर और मूंछ मुड़वा कर हुलिया भी बदलने का प्रयास किया था।

एक हफ्ते तक की थी मां की तीमारदारी

हरिशंकर की मां को कैंसर है। सात मार्च को तबीयत ज्यादा खराब होने पर न्यू उदय हास्पिटल गांधी गली में भर्ती कराया गया था। तबीयत में कुछ सुधार होने पर 14 मार्च को हरिशंकर ने डिस्चार्ज कराया। उसने हॉस्पिटल को एक लाख रुपये भुगतान किया था। मां की तीमारदारी के दौरान हरिशंकर हॉस्पिटल में अकाउन्ट शाखा पर नजर रख रहा था। मां के डिस्चार्ज होने के 16 दिन बाद 30 मार्च की शाम को वह हॉस्पिटल में घुस गया और सबसे ऊपर के हॉल में जाकर छिप गया। रात में करीब एक बजे अकाउन्ट शाखा का दरवाजा और आलमारी सब्बल से तोड़कर रुपये लेकर फरार हो गया।

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