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ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway) को लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की नाराजगी का असर दिखने लगा है। जुर्माने से बचने के लिए कंपनी ने एक्सप्रेसवे पर सड़क सुरक्षा से लेकर साफ-सफाई का तेजी से काम शुरू कर दिया है।
स्ट्रीट लाइट चालू करने के लिए मई के अंत तक का समय मांगा है। उधर, कुछ स्थानों पर मरम्मत का भी काम शुरू कर दिया है। उधर, परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) ने भी प्रति दिन के हिसाब से काम की समीक्षा शुरू कर दी है। कंपनी से कहा गया है कि वो एक सप्ताह के अंदर काम की गति को बढ़ाएं। उसके बाद एक्सप्रेसवे पर पूरी क्षमता के साथ काम हो, जिससे व्यापक बदलाव दिखाई दे सके। एक्सप्रेसवे की हालत को लेकर हिंदुस्तान ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद कंपनी ने अब काम शुरू किया है।
बीते दिनों ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की हालत को देख सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक्सप्रेसवे का काम देख रही कंपनी के लोगों के साथ बैठक की, जिसमें स्पष्ट किया गया कि एक्सप्रेसवे का काम करीब एक वर्ष होने को है, लेकिन कोई सुधार नहीं दिख रहा है। सड़क सुरक्षा के लिए न सही दूरी पर साइन बोर्ड लगे हैं और ना ही एक्सप्रेसवे पर साफ-सफाई ठीक रखी जा रही है। डिवाइडर और लूप के बीच हरित क्षेत्र में पेड़ सूखे हुए हैं। 135 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के अधिकांश हिस्से में रोशनी नहीं है।
इससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। रात में हादसे की हमेशा आशंका बनी रहती है। लाइटें खराब पड़ी हैं, जबकि पांच वर्ष पूर्व जब एक्सप्रेसवे को यातायात के लिए खोला गया था, उस वक्त एक्सप्रेसवे पर बेहतर रोशनी की व्यवस्था थी। सौर ऊर्जा के माध्यम से खंभे पर लगीं स्ट्रीट लाइटें जलती थी।
बैठक में एनएचएआई ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर 15 दिन के अंदर जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ तो फिर प्रतिदिन 14 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
20 वर्ष के लिए टीओटी पर है एक्सप्रेसवे
बीते वर्ष मैपल हाईवे कंपनी ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) मोड पर दिया था, जिसमें एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स वसूली करने, उसका रखरखाव और मरम्मत तक का पूरा काम कंपनी के हाथों में चलया गया। अब कंपनी का कहना है कि बीते वर्ष एक्सप्रेसवे को टीओटी पर दिया गया। उसके पहले से एक्सप्रेसवे पर काफी जगहों से सड़क टूटी पड़ी है। इसलिए उसकी मरम्मत का काम एनएचएआई करे। इस पर एनएचएआई सहमत भी है। उसने करीब 110 करोड़ रुपये एक्सप्रेसवे का निर्माण करने वाली कंपनियों की बैंक गारंटी में से काट लिया है, जिसके आधार पर सड़क की मरम्मत की जाएगी, लेकिन एक्सप्रेसवे पर बाकी काम कंपनी को ही करना है।
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