Tuesday, September 3, 2024
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गढ़चिरौली है नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह! क्या भौगोलिक स्थिति या बार्डर जिला होने के नाते है उनके माकूल


मुंबई:  महाराष्ट्र के गढ़चिरौली को नक्सलियों का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है. इस इलाके में पहाड़, बड़ी नदियां और घना जंगल होने की वजह से नक्सलियों ने इसे अपना रेड कॉरिडोर बना रखा है. नक्सलियों ने 80 के दशक में गढ़चिरौली में अपने पैर पसारने शुरू किए. गढ़चिरौली जिले का 80 प्रतिशत हिस्सा घना जंगल है.

नक्सलियों ने गढ़चिरौली को अपना रेड कॉरिडोर इसलिए बनाया, क्योंकि यह ऐसा जिला है जो तीन राज्यों को जोड़ता है, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना. नक्सलियों के गढ़चिरौली में ज्यादा सक्रिय होने के पीछे यह भी एक बड़ी वजह है. क्योंकि तीन राज्यों का बॉर्डर होने की वजह से कोई भी पुलिस अपने राज्य के बाहर ऑपरेशन नहीं करती है, बल्कि नक्सलियों की जानकारी दूसरे राज्य को देती है. लेकिन तब तक नक्सली घने जंगल में गायब हो जाते हैं.

छिपने के लिए अनुकूल जगह
यही वजह  है कि जब छत्तीसगढ़ में नक्सली कोई बड़ा हमला करते है, तो वे भागकर महाराष्ट्र आ जाते हैं. अगर किसी राज्य की पुलिस नक्सलियों के खिलाफ कोई एक्शन लेती है तो नक्सली पहाड़ों, नदियों और जंगल की वजह से गिरफ्त में नहीं आते हैं और छिपते छिपाते दूसरे राज्य में चले जाते हैं. ऐसे में पुलिस को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ता है क्यों उनका न्याय अधिकार क्षेत्र  (JURISDICTION) खत्म हो जाता है.

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150 से 200 नक्सली एक्टिव
बताया जाता है कि अभी भी गढ़चिरौली में 150 से 200 नक्सली एक्टिव हैं. गढ़चिरौली क्षेत्रफल के हिसाब से भी काफी बड़ा जिला है. लेकिन अब सरकार वहां पर विकास कार्य कर रही है. पर नक्सली हर समय स्थानीय लोगों को डरा कर रखते है, और उनसे पुलिस की सारी जानकारी लेते रहते हैं. पूरे इलाके में आदिवासियों की संख्या जायदा है. उनको हमेशा यह डर सताता है कि अगर उन लोगों ने पुलिस की मदद की तो नक्सली मार देंगे और अगर नक्सलियों की मदद की तो पुलिस पकड़ लेगी.

C-60 कमांडो फोर्स
इसलिए पूरे महाराष्ट्र में सिर्फ गढ़चिरौली एक ऐसी जगह है, जहां नक्सलियों के खिलाफ लड़ने के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने एक स्पेशल कमांडो फोर्स बनाई है जिसका नाम C-60 कमांडो है. C-60 कमांडो फोर्स में तैनात ज्यादातर गढ़चिरौली के लोकल पुलिस वाले हैं. उन्हें नक्सलियों से लड़ने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है. ये कमांडो लोकल होने की वजह से उनको गढ़चिरौली के सभी जंगल, नदी और पहाड़ों की पूरी जानकारी होती है. लेकिन गढ़चिरौली के भूभाग में सब कुछ है, घने जंगल, नदी और बड़े पहाड़. जिसकी वजह से वहां पुलिस और आम जनता का जाना उतना आसान नहीं होता है. जिसका फायदा नक्सली उठाते हैं और जंगलों में छुपे रहते हैं.

Tags: Maharashtra News, Naxalites



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