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30 जून को पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बीच समझौते की मियाद खत्म होने जा रही है। पाकिस्तान, आईएमएफ से 6 अरब डॉलर के बेलआउट का इंतजार कर रहा है। पाकिस्तान के लिए यह रकम बहुत जरूरी है, नहीं तो पाकिस्तान की इकॉनमी गर्त में चली जाएगी। पाकिस्तान ने भी आईएमएफ से बेलआउट पैकेज हासिल करने के अपने प्रयासों को तेज कर दिए हैं। आईएमएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के लिए बेहद जरूरी 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर जल्द ही समझौता हो सकता है। पाकिस्तानी सरकार के अनुसार, शहबाज शरीफ ने मंगलवार को आईएमएफ की एमडी क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से बात की, जहां उन्होंने लोन के जल्द बेलआउट का अनुरोध किया। यह बात पेरिस में एक वैश्विक वित्त बैठक के इतर दोनों की मुलाकात के लगभग एक सप्ताह बाद हुई।
इस्लामाबाद में आईएमएफ के मिशन प्रमुख ने सुझाव दिया कि दोनों पक्ष एक समझौते पर पहुंचने के करीब थे। दिलचस्प बात यह है कि दिसंबर में इस्लामाबाद और आईएमएफ के बीच चर्चा तब रुक गई जब वैश्विक वित्तीय संस्थान ने बेलआउट से 1.1 अरब डॉलर की महत्वपूर्ण किश्त जारी करने में देरी कर दी। इस सौदे पर मूल रूप से 2019 में शरीफ से पहले इमरान खान की तरफ से हस्ताक्षर किए गए थे।
काउंटडाउन शुरू
पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच समझौते की अंतिम तारीख निकट आ गई है। आईएमएफ शुक्रवार तक का इंतजार करेगा। इस दौरान पाकिस्तान ने समझौते की शर्तों को पूरा नहीं किया है, पूरा बेलआउट पैकेज रद्द हो सकता है। उधर पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की टेंशन बढ़ती जा रही है। आईएमएफ की एमडी से लगातार बातचीत के बाद शरीफ ने अपनी अवाम को विश्वास दिलाया है कि समझौता बस होने के कगार पर है।
आईएमएफ ने रखी थी शर्त
आईएमएफ का बेलआउट हासिल करने के लिए पाकिस्तान घुटनों पर आ चुका है। फिर भी आईएमएफ को उसपर भरोसा नहीं हो रहा। पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच इस बात को लेकर मतभेद है पाकिस्तान बेलआउट के शर्तों का पालन नहीं किया है। वहीं पाकिस्तान का दावा है कि उसने शर्तों का पूरी तरह से पालन किया है।
क्या होगा पाकिस्तान का
नकदी संकट से जूझ रही पाकिस्तानी सरकार मौजूदा वक्त में चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे मित्र देशों से वित्तीय मदद लेकर डिफॉल्ट से बचने के लिए संघर्ष कर रही है। पाकिस्तान ने पिछली गर्मियों में आई बाढ़ से भयंकर त्रासदी झेली, जिसमें 1,739 लोग मारे गए। बाढ़ की वजह से पाकिस्तान को 30 अरब डॉलर की क्षति हुई। पाकिस्तानी जनवरी से रिकॉर्ड महंगाई का सामना कर रहे हैं। पाकिस्तान में स्थिति ऐसी बनी है कि आटा-चावल के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान को आईएमएफ की तरफ से बेलआउट नहीं मिला तो पड़ोसी के लिए स्थिति बुरी हो जाएगी।