हाइलाइट्स
अश्वत्थामा ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ पर ब्रह्मास्त्र से हमला किया था, जिसे श्रीकृष्ण ने नाकाम कर दिया.
गर्भरक्षक श्रीवासुदेव मंत्र का 21 बार जाप करें और सूत्र में माला की गांठ की तरह गांठें लगाएं.
आधुनिक समय में कई कारणों से महिलाओं में गर्भपात की समस्या बढ़ रही है. गर्भ रक्षा के लिए कुछ ज्योतिष उपाय हैं, जिनको करने से लाभ हो सकता है. ये उपाय शतप्रतिशत प्रमाणिक हों, इसका दावा नहीं किया जा सकता है. पहले के लेख में आपको बताया गया था कि महाभारत के समय पांडव वंश के नाश के लिए अश्वत्थामा ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ पर ब्रह्मास्त्र से हमला कर दिया था, लेकिन भगवान वासुदेव श्रीकृष्ण ने उत्तरा के गर्भ की रक्षा की थी. वेद व्यास जी ने श्रीमद्भागवत में इस घटना के संबंध में जो बात संस्कृत में लिखी है, उसे ही मंत्र और गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र बनाकर गर्भपात की समस्या को दूर करने का प्रयास होता है. आइए जानते हैं गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र बनाने और धारण करने की विधि.
गर्भरक्षक श्रीवासुदेव मंत्र
ओम अंत:स्थ: सर्वभूतानामात्मा योगेश्वरो हरि: स्वमाययावृणोद् गर्भ वैराट्या: कुरुतन्तवे स्वाहा.
गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र बनाने का नियम
जिस भी महिला के लिए यह गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र बनाया जाएगा और जो इसे बनाएगा, उन दोनों को ही प्रभु की भक्ति को प्राप्त करना होगा. आपको अपने बुरे आचरण का त्याग करना होगा. ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें. तामसिक वस्तुओं का सेवन बंद कर दें. नियम पूर्वक गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र का निर्माण नहीं होता है और धारण करने वाला नियमों का पालन नहीं करता है तो इस उपाय के फलित होने की संभावना कम होगी.
गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र बनाने की विधि
जिस महिला के लिए गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र बनाना है, वे शुद्ध वस्त्र पहन कर भगवान श्रीकृष्ण का चरणामृत और तुलसी दल प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें. फिर गौरी गणेश पूजा करें और नवग्रह की शांति कराएं. उसके बाद उस महिला को पूर्व की ओर मुख करके खड़ा कर दें. उसके बाद केसरिया रेशम की डोरी या केसरिया कच्चा सूत, जो कुमारी कन्या द्वारा बनाया गया हो. उससे महिला के सिर से पैर तक 7 बार नाप लें. उस धागे की 7 तह कर लें.
अब आप गर्भरक्षक श्रीवासुदेव मंत्र का 21 बार जाप करें और उस धागे में माला की गांठ की तरह गांठें लगाएं. आपको 7 तह वाले धागे में 21 गांठें लगानी हैं. फिर वैष्णव मंत्र और पूजा पाठ से उस सूत्र की प्राणप्रतिष्ठा करें.
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गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र पहनने की विधि
शुभ मुहूर्त या शुभ योग वाले दिन भगवान श्रीकृष्ण को मन में ध्यान करके गर्भ रक्षा की प्रार्थना करें और उस महिला को गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र को गले या बाएं हाथ के मूल में पहनने को कहें. यदि पीड़ा हो तो कमर में बांध लें. विधि विधान से गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र धारण करने से गर्भ की रक्षा होती है.
गर्भवती महिला को ध्यान रखने वाली 4 बातें
1. गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र पहनने के बाद महिला को किसी भी सूतक वाले घर में नहीं जाना चाहिए. सूतक घर का अर्थ उस घर से है, जहां पर किसी की मृत्यु या जन्म से संबंधित सूतक हो.
2. प्रसव के समय उस गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र को बाएं हाथ के मूल या गले में पहनना चाहिए.
3. बच्चे के जन्म के बाद नाल छेदन और स्नान के बाद गर्भरक्षक श्रीवासुदेव सूत्र को धूप देकर बच्चे के गले में पहनाना चाहिए.
4. सवा माह बाद नया सूत्र का निर्माण कराकर बच्चे के गले में पहना दें. पुराने सूत्र को पूजा पाठ के बाद किसी तीर्थ स्थान पर विसर्जित कर देना चाहिए.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news 18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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Tags: Astrology, Dharma Aastha
FIRST PUBLISHED : May 23, 2023, 11:38 IST