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गर्मियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, खासकर हीटवेव के दौरान. डिहाइड्रेशन, ब्लड वेसल्स का फैलाव और ब्लड क्लॉटिंग इसके प्रमुख कारण हैं. बचाव के लिए पानी पिएं और धूप से बचें.
Health, गर्मियों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा. क्या यह बात सच है? जी हाँ, ये सच है. हाल ही में आई कुछ रिपोर्ट्स और मेडिकल रिसर्च के अनुसार, अत्यधिक गर्मी (हीटवेव) के दौरान हार्ट अटैक (दिल का दौरा) पड़ने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है. कुछ मामलों में तो यह जोखिम 233% तक बढ़ सकता है. गर्मी का शरीर पर प्रभाव विशेष रूप से हृदय संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर अधिक पड़ सकता है. आइए जानें इसके कारण औऱ बचाव के तरीके.
1. क्यों बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा गर्मी में?
1. डिहाइड्रेशन (पानी की कमी): अधिक पसीना निकलने से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर गिर सकता है और दिल पर दबाव बढ़ जाता है.
2. ब्लड वेसल्स का फैलाव: गर्मी में रक्तवाहिकाएं फैलती हैं, जिससे हार्ट को ज़्यादा काम करना पड़ता है.
3. ब्लड क्लॉटिंग का रिस्क: कुछ स्टडीज़ में दिखा है कि हाई टेम्परेचर से खून गाढ़ा हो सकता है, जिससे क्लॉटिंग और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.
4. हीट स्ट्रोक और कार्डियक स्ट्रेस: अत्यधिक तापमान शरीर को स्ट्रेस में डालता है, जिससे कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक हो सकता है.
2. किन लोगों को ज्यादा रिस्क होता है?
1. पहले से हृदय रोग से पीड़ित लोग.
2. उम्रदराज (60+ वर्ष) व्यक्ति.
3. डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़.
4. अल्कोहल या धूम्रपान करने वाले.
5. बाहर धूप में काम करने वाले मजदूर, जैसे कि निर्माण कार्यकर्ता.
3. बचाव के उपाय:
1. अधिक से अधिक पानी पिएं.
2. दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर न निकलें.
3. हल्के, ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें.
4. नमक और इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय लें (ORC आदि).
5. नियमित दवाइयों का सेवन जारी रखें, डॉक्टर की सलाह से.
तो आप इन तरीकों को अपनाकर गर्मी के मौसम में भी अपना बचाव कर सकते हैं. लेकिन बस हमेशा इन बातों का ख्याल रखें.