Friday, July 5, 2024
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गर्मी में हर रोज खाएं ये 4 मोटे अनाज, ब्लड शुगर नहीं उठाएगा सिर, कोलेस्ट्रॉल का भी बज जाएगा बैंड


हाइलाइट्स

बाजरे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, नियासिन, राइबोफ्लोबिन, कई तरह के विटामिंस और मिनिरल्स एक साथ पाए जाते हैं.
वर्ष 2023 को तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित कर दिया गया है.

4 Millet Cool Effects on Stomach: कुछ दशक पहले तक मोटे अनाजों को निम्नतर स्तर मानकर अधिकांश लोग इसे नहीं खाते थे. आमतौर पर इसे गरीबों का भोजन कहा करते थे लेकिन विज्ञान ने अब इन मोटे अनाजों को सुपरफूड घोषित कर दिया है, तब से ज्वार, बाजरा, जौ, रागी जैसे मोटे अनाजों को बेहद ऊंची कीमत पर बेचा जा रहा है. वर्ष 2023 को तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित कर दिया गया है. यानी यह वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. फिलहाल मिलेट वर्ग के अनाजों में बाजरा, रागी, कुटकी, संवा, ज्वार, कंगनी, चेना और कोदो को शामिल किया गया है. लेकिन कई और मोटे अनाज भी मिलेट ही है. मोटे अनाजों में भरपूर मात्रा में डाइट्री फाइबर होता है. इसके अलावा फैट न के बराबर होता है. यही कारण है कि ये अनाज पेट को ठंडा रखते हैं और हार्ट डिजीज, डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारियों के जोखिम को भी कम करते हैं.

मेडिकल न्यूजटूडे के मुताबिक 100 ग्राम मोटे अनाज में 3.51 ग्राम प्रोटीन, 23.7 ग्राम कार्बहाइड्रेट, 1.3 ग्राम डाइट्री फाइबर, 44 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 100 मिलीग्राम फॉस्फोरस सहित कई विटामिंस और मिनरल्स पाया जाता है. मिलेट का सबसे ज्यादा फायदा पेट को होता है. यह पाचन शक्ति को मजबूत करता है जिसके कारण यह वजन कम करने के लिए भी बहुत प्रभावी है.

गर्मी में खाएं ये 4 मिलेट

1.रागी-रागी को फिंगर मिलेट कहा जाता है.एनसीबीआई की रिसर्च के मुताबिक रागी में पोलिफिनॉल फोटोकेमिकल और डाइट्री फाइबर होता है जो कई बीमारियों से लड़ने में फाइटर की भूमिका निभाता है. लाल दानेदार यह मोटा अनाज कैल्शियम से लबालब भरा होता है. रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि रागी एंटी-डायबेटिक, एंटी-ट्यूमरजेनिक होता है. रागी की रोटी बनाकर लोग खाते हैं.

2. ज्वार -ज्वार को पहले लोग सिर्फ जानवरों को खिलाते थे लेकिन आज यह सुपरफूड है. ज्वार की तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह पेट को ठंडा रखता है. ज्वार में विटमिन बी कॉम्प्लेक्स बहुत अधिक मात्रा में होता है. वेबएमडी के मुताबिक बाजरा में फेनोलिक एसिड पाया जाता है. इसके अलावा इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-कैंसर गुण से भरपूर होते हैं. ज्वार के नियमित सेवन से वजन को कम किया जा सकता है. ज्वारा ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज को भी नहीं होने देता.

3.बाजरा-बाजरा भी मिलेट में ही आता है. बाजरे की रोटी बेहद स्वादिष्ट होती है. इसके बावजूद अधिकांश लोग इसका सेवन नहीं करते. बाजरे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, थियामिन, नियासिन, राइबोफ्लोबिन, कई तरह के विटामिंस और मिनिरल्स एक साथ पाए जाते हैं. मेडीकवर हॉस्पीटल वेबसाइट के मुताबिक बाजरे के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है और हार्ट के हेल्थ को मजबूत किया जा सकता है. बाजरे की रोटी नियमित रूप से खाने से हार्ट अटैक का खतरा बहुत कम हो जाता है.

4.चना -फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने चने को मिलेट में शामिल नहीं किया है लेकिन यह भी मोटा अनाज ही है. चना पोषक तत्वों का खजाना होता है. चने में सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है, इसलिए एक्सपर्ट चने के आटे को अन्य आटे में मिक्स कर खाने की सलाह देते हैं. चने की तासीर ठंडी होती है. यह पेट को ठंडा रखता है. चना कोलेस्ट्रऑल और ट्राईग्लिसेराइड्स को कम करता है. चना ब्लड शुगर को भी कम करता है.

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Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle



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