बेंगलुरु:
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शनिवार को कहा कि राज्य में उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई गारंटी योजनाओं को मुफ्त योजनाएं करार नहीं दिया जाना चाहिए।
दावणगेरे में पत्रकारों के 38वें राज्य सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अंधविश्वास को खारिज करने और लोगों को सच बताने का साहस विकसित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, पत्रकारों को राजनीति की जरूरत नहीं है। उन्हें वस्तुनिष्ठ होना होगा। पत्रकारों को गरीबों और मध्यम वर्ग की आर्थिक ताकत बढ़ाने वाली गारंटी योजनाओं को मुफ्त योजना नहीं कहना चाहिए।
उन्होंने कहा, इस गैर-पक्षपातपूर्ण, धर्मनिरपेक्ष, गैर-धार्मिक योजना को मुफ्त गारंटी नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि कुछ भी लिखने से पहले इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।
सिद्दारमैया ने आगे कहा, दिन भर पति-पत्नी की लड़ाई दिखाने के बजाय उन निहित स्वार्थों को पहचानें और उनके बारे में लिखें जो समाज के विकास में बाधा बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि समाजोन्मुखी पत्रकारिता इसी से संभव है। सिद्दारमैया ने खुद को अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थक बताते हुए कहा कि इस आजादी को कुछ गरिमा दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, आम लोगों को मीडिया से बहुत उम्मीदें हैं। यह उन लोगों के लिए होना चाहिए जो अवसरों से वंचित हैं। प्रौद्योगिकी और विज्ञान बहुत विकसित हो चुका है और पत्रकारिता को इसका लाभ उठाना होगा। लेकिन पत्रकारों को किसी भी कारण से ईमानदारी नहीं भूलनी चाहिए।
कर्नाटक यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष शिवानंद तगादुरू ने मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के.वी. प्रभाकर के सहयोग से आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता की।
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