Home National गीता प्रेस के सम्मान को पचा नहीं पा रहे ‘एक्सीडेंटल हिंदू’, सीएम योगी ने कांग्रेस पर बोला हमला 

गीता प्रेस के सम्मान को पचा नहीं पा रहे ‘एक्सीडेंटल हिंदू’, सीएम योगी ने कांग्रेस पर बोला हमला 

0
गीता प्रेस के सम्मान को पचा नहीं पा रहे ‘एक्सीडेंटल हिंदू’, सीएम योगी ने कांग्रेस पर बोला हमला 

[ad_1]

ऐप पर पढ़ें

CM Yogi on Geeta Press: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म की विरोधी कांग्रेस इतने निचले स्तर पर गिर गई है कि वह गीता प्रेस के सम्मान को नहीं पचा पा रही है। ईश्वर कांग्रेसियों को सदबुद्धि दे। कांग्रेसियों को यह नहीं पता है कि सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में गीता प्रेस का कितना बड़ा योगदान है।

सीएम सोमवार को बलरामपुर में थारू संस्कृति संग्रहालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्‍होंने कहा, ‘गीता प्रेस सदियों से सनातन हिन्दू धर्म की सेवा कर रहा है। सनातन हिन्दू धर्म मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। यह ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ का संदेश देता है। ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ (सभी का सुख और कल्याण) और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है)।’ 

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि देश की विरासत का इतना अनादर करना कांग्रेस की घोर बेशर्मी है। गीता प्रेस पिछली एक शताब्‍दी से 100 धार्मिक साहित्य का प्रकाशन कर रहा है। बिना किसी सरकारी सहायता और कम लागत पर, इसने गीता, वेद, रामायण और रामचरितमानस जैसे धार्मिक साहित्य के सभी रूपों के प्रकाशन के केंद्र के रूप में कार्य किया है। गीता प्रेस को पुरस्‍कार मिलना गर्व की बात है। 

गीता प्रेस ने सम्‍मान की धनराशि लेने से किया इनकार 

शताब्दी वर्ष में गांधी शांति पुरस्कार-2021 दिए जाने के ऐलान के बाद गीता प्रेस ने पहली बार परंपरा तोड़कर सम्मान स्वीकार करने की बात कही है। हालांकि प्रबंधन ने पुरस्कार के साथ मिलने वाली एक करोड़ की धनराशि नहीं स्वीकार करने का निर्णय लिया है। इसकी पुष्टि गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल के निर्णय के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को पुरस्कार की घोषणा की थी। गीता प्रेस ने अपनी सौ साल की यात्रा में पहली बार किसी पुरस्कार को स्वीकार किया है। प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि गीता प्रेस किसी भी तरह का पुरस्कार अथवा आर्थिक मदद नहीं स्वीकार करता है। 100 वर्षों की परंपरा को तोड़कर ट्रस्ट बोर्ड ने गांधी शांति पुरस्कार को स्वीकार करने का निर्णय लिया है। वह कहते हैं कि हम सम्मान का सम्मान करते हैं लेकिन इसके साथ मिलने वाली एक करोड़ की धनराशि नहीं स्वीकार सकते।

जमीन और जंगल बचा रहा थारू समाज

भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित दीन दयाल शोध संस्थान इमिलिया कोडर में सीएम योगी ने सोमवार को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट थारू संस्कृति संग्रहालय का उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात सीएम योगी ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि थारू समाज के लोग महाराणा प्रताप के वंशज हैं। इनका गौरवशाली इतिहास है। जड़, जमीन और जंगल की रखवाली करने की प्रेरणा समाज के लोग थारू जनजाति के लोगों से ले सकते हैं। सीएम ने कहा कि आज ग्लोबल वार्मिंग के कारण लोगों का जीना हराम हो गया है। पर्यावण संरक्षण और इसके संवर्धन की सीख आज भी थारू जनजाति के लोग समाज को दे रहे हैं।

करीब 40 हजार थारू जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में सीएम योगी ने अपने भाषण की शुरुआत करते ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक आदिवासी समाज की महिला का भारत का राष्ट्रपति बनना थारू समाज के लिए गौरव की बात है। आजादी में थारू समाज के लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। आजादी के बाद भी जंगल के वनग्रामों में रहकर आदिवासी व थारू जनजाति के लोग जिस तरह से पर्यावरण के संतुलन और संवर्धन के लिए काम कर रहे हैं वह अतुलनीय है। थारू समाज के लोग पेड़-पौधों की रखवाली करते हैं। इनका पूरा जीवन पेड़-पौधों पर ही निर्भर रहता है। थारुओं के उत्थान के लिए इस क्षेत्र में थारू जनजाति संस्कृति संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया गया था। यह प्रदेश का पहला थारू संस्कृति संग्रहालय है। इसके जरिए थारुओं के गौरवशाली इतिहास संजोने का काम किया जाएगा।

[ad_2]

Source link