अहमदाबाद. आजकल गुजरात के शहरों की गलियों में रात होते ही अंधेरा छा जाता है और ऐसा पिछले एक महीने से हो रहा है. बताया जा रहा है कि लंबित बिजली बिलों को लेकर राज्य द्वारा संचालित बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) और नकदी की तंगी से जूझ रहे नगरपालिकाओं में टकराव का आलम है. कुछ बिल तो 2014 से बकाया हैं. मध्य गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (एमजीवीसीएल) के एक अधिकारी के अनुसार, 35 नगरपालिकाओं पर 31 जनवरी तक कंपनी का 82 करोड़ रुपये बकाया है. और, इस बार डिस्कॉम बकाया राशि को अगले वित्तीय वर्ष तक नहीं जाने देने के मूड में दिख रहे हैं.
नगरपालिकाएं अपने बकाया बिजली बिलों का भुगतान करें, आखिरी उपाय के मद्देनजर डिस्कॉम अब स्ट्रीट लाइटों, यहां तक कि कार्यालयों के बिजली कनेक्शन काट रहे हैं, लेकिन इसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि रात होते ही शहर अंधेरे की आगोश में चला जाता है. द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, डिस्कॉम के सूत्रों का कहना है कि केवल कुछ ही नगरपालिकाएं ऐसी हैं, जो प्रत्येक बिलिंग साइकिल की समय सीमा के भीतर अपने बिलों का भुगतान करने में सक्षम हैं. कईयों पर तो करोड़ों रुपए का बकाया है.
बिल के भुगतान के लिए कुछ नगरपालिकाओं की बिजली काटी गई
एक अधिकारी ने कहा, ‘लगभग सभी नगर पालिकाओं का बिजली कंपनियों पर बकाया है. हाल के दिनों में हमने उन्हें नोटिस भेजे और स्ट्रीट लाइट के लिए बिजली की आपूर्ति काट दी, अब उन्होंने आंशिक रूप से बकाया राशि का भुगतान करना शुरू कर दिया है.’ दरअसल, बिल का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए गोधरा, बालासिनोर, बोरसद और कुछ अन्य नगर पालिकाओं को बिजली की आपूर्ति काट दी गई थी.
दक्षिण गुजरात के दो जिलों में बिल पेमेंट की समस्या
दक्षिण गुजरात की 19 नगरपालिकाओं में से, दक्षिण गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (डीजीवीसीएल) भरूच और नर्मदा जिलों में भुगतान संबंधी समस्याओं का सामना कर रही है. डीजीवीसीएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘इन दोनों जिलों को छोड़कर दक्षिण गुजरात में अन्य सभी नगरपालिकाएं समय पर बिलों का भुगतान कर रही हैं.’
62 नगरपालिकाओं पर 316 करोड़ रुपये बकाया
सौराष्ट्र और कच्छ में, पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) ने पिछले महीने मोरबी, अंजार, भुज और बोटाड सहित लगभग 20 नगर पालिकाओं को पानी की आपूर्ति के लिए मिलने वाली बिजली काट दी और बकाया बिलों का भुगतान करने को कहा. पीजीवीसीएल का 2014 से दिसंबर 2022 के अंत तक सामूहिक रूप से 62 नगरपालिकाओं पर 316 करोड़ रुपये बकाया है.
उत्तर गुजरात में बिजली कंपनियों का 58 करोड़ बकाया
2014 में भी, एक समझौता किया गया था जिसमें पीजीवीसीएल ने पिछले बकाया राशि के ब्याज को माफ कर दिया था, जिससे गुजरात म्यूनिसिपल फाइनेंस बोर्ड और शहरी विकास विभाग को आसानी से बकाया मूल राशि का भुगतान करने में मदद मिली थी. उत्तर गुजरात में उत्तर गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (यूजीवीसीएल) पर 31 जनवरी तक 58.7 करोड़ रुपये बकाया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Gujarat
FIRST PUBLISHED : February 13, 2023, 08:13 IST