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भरत तिवारी/जबलपुर: एक वर्ष में चार नवरात्रि पड़ती हैं, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं. पहली गुप्त नवरात्रि माघ माह और दूसरी आषाढ़ माह में पड़ती है. इस दौरान तंत्र साधना विशेष तौर पर की जाती है. इन 9 दिनों में साधक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए मां की आराधना करते हैं. इन दिनों में ये सभी कार्य गुप्त रूप से साधकों द्वारा किए जाते हैं, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं.
इस वर्ष 10 फरवरी 2024 से गुप्त नवरात्रि आरंभ हो रही है. माघ माह में पड़ने के कारण इसे माघी नवरात्रि भी कहा जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस वर्ष की पहली गुप्त नवरात्रि में विशेष संयोग बना रहे हैं. इन संयोग के कारण गुप्त नवरात्रि की पूजा उन लोगों के लिए विशेष फलदायी होगी, जिनकी कुंडली में दो बड़े ग्रह उच्च के हैं. इसके अलावा राहु के कष्ट से भी राहत मिलेगी. जानें कैसे…
गुप्त नवरात्रि के पहले दिन द्विपुष्कर योग
ज्योतिषाचार्य विवेक तिवारी के अनुसार, इस वर्ष माघ माह में 10 फरवरी से पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि के पहले दिन द्विपुष्कर योग बन रहा है. इस विशेष योग के दौरान साधना करने वाले साधकों दोगुना फल मिलेगा. जिस दिन नक्षत्र धनिष्ठा और दिन शनिवार होता है, उस दिन द्विपुष्कर योग बनता है. साधक तंत्र साधना के दौरान कई बार मारक क्रियाओं को करते हैं और अगर इस योग में वह तंत्र साधना की इन क्रियाओं को करते हैं, तो बेहतर परिणाम सामने आते हैं. इसी प्रकार इस योग के दौरान किसी भी तंत्र क्रिया का दोगुना फल प्राप्त होता है.
इनको मिलेगा विशेष फल
इस गुप्त नवरात्रि के दौरान जिन जातकों का सूर्य उच्च का होगा और वह मां की आराधना करेंगे तो उनके लिए विशेष फल प्राप्त होगा. इसी तरह जिस भी जातक का उच्च का गुरु रहेगा वह भी मां की आराधना से विशेष फल प्राप्त कर पाएंगे. साथ ही जो भी राहु से पीड़ित हैं, वे सभी जातक अगर इस दौरान मां की आराधना करते हैं तो राहु से होने वाली कठिनाइयों से निजात मिलेगी. राजनीति के क्षेत्र में जाने की जिन भी जातकों की इच्छा है, उन्हें भी गुप्त नवरात्रि के दौरान पूजा-पाठ करनी चाहिए, जिनका सूर्य या गुरु उच्च का है और मंगल ग्रह भी उच्च के भाव में बैठे हैं तो ऐसे जातक इस गुप्त नवरात्रि के दौरान मां की आराधना करेंगे तो उन्हें भी विशेष फल की प्राप्ति होगी.
15 एवं 17 को सर्वार्थ सिद्धि योग
द्विपुष्कर योग के साथ ही इस गुप्त नवरात्रि के दौरान दो बार सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस योग को सभी योगों में सर्वश्रेष्ठ योग भी माना गया है. इस दौरान जो भी साधक सिद्धि के लिए मां की आराधना करते हैं, वे अगर इस योग के दौरान मां की आराधना करते हैं तो उन्हें सिद्धि जरूर प्राप्त होती है.
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Tags: Astrology, Jabalpur news, Local18, Navratri
FIRST PUBLISHED : February 10, 2024, 09:53 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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