Home Life Style गुरुग्राम की ‘मंगले दी कुल्फी’ का अपना मजा, एक बार चखेंगे, फिर बार-बार आएंगे!

गुरुग्राम की ‘मंगले दी कुल्फी’ का अपना मजा, एक बार चखेंगे, फिर बार-बार आएंगे!

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गुरुग्राम की ‘मंगले दी कुल्फी’ का अपना मजा, एक बार चखेंगे, फिर बार-बार आएंगे!

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धर्मबीर शर्मा/गुरुग्राम: गर्मी का मौसम है, ऐसे में हर किसी का मन ठंडी-ठंडी चीजें खाने का करता है और ऐसे में अगर गुरुग्राम के मशहूर ‘मंगले दी कुल्फी’ मिल जाए तो मजा ही आ जाए. इस शॉप पर करीब 20 तरह की अलग-अलग कुल्फी आपको खाने के लिए मिलेगी. तो अब जब भी गुरुग्राम आना-जाना हो तो मंगले दी कुल्फी जरूर खाना.

जब मांगरिया राम विभाजन के समय साल 1947 में पाकिस्तान से भारत आए थे तो उसके बाद साल 1950 में ‘मंगले दी कुल्फी’ की शुरुआत की थी और अब उनकी तीसरी पीढ़ी यानी की उनके पोते पंकज ढींगरा लोगों को स्वादिष्ट कुल्फी खिला रहे हैं. मंगले दी कुल्फी के स्वाद के लोग दीवाने हैं और हर समय उनकी शॉप पर भारी भीड़ रहती है.

यहां मिलेगी स्वादिष्ट कुल्फी
गुरुग्राम के न्यू कॉलोनी में गुरद्वारे के पास बनी मंगले दी कुल्फी शॉप पर हर समय लोगों की भीड़ नजर आएगी. गर्मियों में खास तौर से लोग रात 11 बजे तक यहां कुल्फी का लुत्फ उठाने आते हैं. लोगों को सबसे ज्यादा यहां का रबड़ी फलूदा और कुल्फी फलूदा अपनी ओर आकर्षित करती है. इस दुकान पर करीब 20 तरह की कुल्फी मिलती है.

दुकान में तैयार होती है कुल्फी
मंगले दी कुल्फी की खास बात यह है कि ये कुल्फी किसी बड़ी फैक्ट्री में नहीं, बल्कि पंकज ढींगरा और इनके कारीगर अपनी इसी दुकान में तैयार करते हैं. बताया कि आइसक्रीम और कुल्फी बनाने में नेचुरल फ्रूट्स का इस्तेमाल किया जाता है. खास तौर से इनको बनाने में मैंगो, स्ट्रॉबेरी और पाइनएप्पल का इस्तेमाल किया जाता है.

जितनी पुरानी दुकान, उतने पुराने कारीगर
इन कुल्फी पार्लर की एक खास बात यह भी है कि जितना पुराना यह पार्लर है, उतने ही पुराने यहां कारीगर भी हैं. इन खास कुल्फी को बनाने वाला एक कारीगर 30 सालों यहां यही काम कर रहा है. राम बहादुर नाम का कारीगर 30 सालों लोगों को स्वादिष्ट कुल्फी बनाकर खिला रहा है.

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