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फ्रिज खराब हो गया। कंपनी का कस्टमर केयर नंबर चाहिए। गूगल सर्च इंजन पर खोजा। जो नंबर मिला उस पर फोन मिला दिया। कुछ इसी वजह से लोग साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं। कमिश्नरेट में पांच महीने में गूगल सर्च इंजन से नंबर खोजने के कारण 170 लोग वारदात का शिकार हो चुके हैं। साइबर अपराधियों ने अपने नंबर रजिस्टर करा रखे हैं।
किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर, बैंक, डॉक्टर, होटल, ट्रैवल्स, ट्रांसपोर्ट इनके नंबरों की जरूरत किसी को भी कभी भी पड़ सकती है। लोगों को लगता है कि गूगल पर सब कुछ है। वे नंबर सर्च करते हैं। ग्राहक खुद फोन मिलाते हैं। फोन साइबर अपराधी उठाते हैं। वे ट्रेंड हैं। लोगों को जाल में फंसाते हैं। खाते से रकम उड़ा देते हैं। मामला साइबर सेल तक पहुंचता है तब तक देर हो चुकी होती है।
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खाटू श्याम जाने को होटल तलाशा,कट गये रुपये
सिकंदरा निवासी अशोक कुमार सिंह को खाटू श्याम दर्शन करने जाना था। रुकने के लिए गूगल पर होटल सर्च किया। नंबर पर फोन मिलाया। फोन उठाने वाले ने खुद को होटल कर्मी बताया। कहा कि भीड़ अधिक है। कुछ भुगतान एडवांस करना होगा। अशोक तैयार हो गए। कर्मचारी ने क्यूआर कोड भेजा। दो हजार रुपये का भुगतान कर दिया। उसके बाद 14 बार में 50 हजार रुपये खाते से निकल गए। वहीं श्याम सिंह को एटीएम कार्ड दूसरा बनवाना था। पहले वाला वाशिंग मशीन में धुल गया था। उसने बैंक कस्टमर केयर पर फोन मिलाया। उसे जैसा बताया उसने किया, खाते से 90 हजार निकल गए।
चायवाले के खाते से निकाले रुपये
साइबर अपराधियों के निशाने पर सिर्फ पैसे वाले ही नहीं है। एक चाय वाले के साथ घटना हुई है। पेटीएम बॉक्स की सर्विस के नाम पर उसके पास फोन पहुंचा था। मऊ रोड, न्यू आगरा निवासी श्रीपाल सिंह की खंदारी चौराहे के पास चाय की दुकान है। उसने पुलिस को बताया कि 29 मई को फोन आया। पेटीएम बॉक्स की ऑनलाइन सर्विस की कहकर ओटीपी पूछ लिया और खाते से 10,450 रुपये निकल गए। पीड़ित ने न्यू आगरा थाने में तहरीर दी है। इंस्पेक्टर सर्वेश कुमार ने बताया कि जांच कराई जा रही है।
सावधानी से टलेंगी वारदात
साइबर क्राइम से बचने के लिए लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। पिछले पांच माह में 170 लोगों के साथ घटना गूगल सर्च इंजन पर नंबर सर्च करने के कारण हुई। उन्होंने नंबर सर्च करते समय कुछ सावधानियां बरती होतीं तो शायद घटना नहीं होती।
इन बातों का रखें ध्यान
– हमेशा कंपनी की ऑफिशियल वेवसाइट से जानकारी प्राप्त करें।
– गूगल पर दिए नंबर पर फोन करने पर एडवांस भुगतान की बात करे तो सावधान हो जाएं।
– किसी भी क्यूआर कोड को स्कैन करके भुगतान नहीं करें, कोई एप डाउनलोड नहीं करें।
– अपने खाते से संबंधित गोपनीय जानकारी नहीं दें। ओटीपी और पासवर्ड नहीं बताएं।
– आपको लगे कि सामने वाला साइबर अपराधी है तो अपने मोबाइल का नेट बंद कर दें।
– स्क्रीन शेयर एप चालू भी हुआ होगा तो काम नहीं करेगा।
– तत्काल साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें।
– www. cybercrime. gov. in पर शिकायत दर्ज कराएं।