Home Life Style गौरी शंकर के गोलगप्पों और दही भल्लों का स्वाद है अनूठा! वाजपेयी और ताऊ देवी लाल भी थे मुरीद

गौरी शंकर के गोलगप्पों और दही भल्लों का स्वाद है अनूठा! वाजपेयी और ताऊ देवी लाल भी थे मुरीद

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गौरी शंकर के गोलगप्पों और दही भल्लों का स्वाद है अनूठा! वाजपेयी और ताऊ देवी लाल भी थे मुरीद

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नकुल जसूजा/सिरसा. क्या आप भी है खाने के शौक़ीन है ?और कुछ चटपटा खाने का मन कर रहा है ? तो चटपटे के नाम पर क्यूं ना याद आए दही भल्ले और गोलगप्पे. जी हां कुछ भी चटपटा खाने का मन करे तो हम कहते है चलो क्यों ना गोलगप्पे, चाट पापड़ी खाई जाए. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे सिरसा की एक ऐसी दुकान जहां आपको मिलेगा स्वादिष्ट गोलगप्पा और दही भल्ला. जहां आकर कई राजनेता भी चख चुके है इस जायके का स्वाद.

सिरसा के भादरा बाजार में गौरी शंकर चाट भंडार बहुत ही मशहूर है. शहर के लोग इस दुकान के गोलगप्पों और दही भल्लों के दीवाने है. इतने सालों में बहुत कुछ बदल गया लेकिन गौरी शंकर की दुकान पर आज भी पुराने अंदाज में लोगों को दही भल्ले और गोलगप्पे खिलाए जाते है. गौरी शंकर की दुकान में आज भी घर के पीसे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. और मिट्टी के बर्तनों में दही और चटनी देखने को मिलती है.

इन नेताओं ने चखा है स्वाद
गौरी शंकर बताते हैं कि जब अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री थे तब वे सिरसा आए थे इस दौरान उन्होंने यहां दही भल्ले खाए थे. इसके अलावा ताऊ देवी लाल, ओपी चौटाला भी यहां के दही भल्लों का जायका चख चुके है.

घरेलू मसालों का होता है प्रयोग
गौरी शंकर ने बताया कि साल 1947 से पहले उनके पिता ने इस काम की शुरुआत की थी आज उनके बच्चे उनकी इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि शाम को जैसे ही वह अपनी दुकान खोलते हैं तो लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है. दुकान में वे साफ सफाई का पूरा ध्यान रखते है. दही भल्ले और गोलगप्पे के पानी में इस्तेमाल होने वाले मसाले को वे घर में खुद ही पीसते हैं और फिर दुकान पर लेकर आते हैं. दही भल्ले में इस्तेमाल होने वाली दही भी खुद घर पर ही जमाते हैं.

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