आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण : धतूरा बहुत विषाक्त पौधा होता है. इसके कांटेदार फल ही नहीं, बल्कि हर भाग अत्यधिक विषैले होते हैं. गलती से भी यदि कोई इंसान इसे निगल लें तो स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है. पौधे में पाए जाने वाले एट्रोपिन, हायोसायमाइन और स्कोपोलामाइन सहित अन्य कई अल्कलॉइड, किसी भी इंसान में मतिभ्रम, स्मृति हानि, उल्टी, हृदय गति बढ़ना और मुंह सूखने सहित अन्य कई प्रकार के बुरे प्रभाव पैदा कर सकता है.
लेकिन क्या आपको पता है कि यदि इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक पद्धति से किया जाए, तो यह शरीर के लिए अमृत जैसा प्रभाव दे सकता है. इसके सेवन से पुराने से पुराना गठिया, सायटिका और सर्दियों में होने वाले बदन दर्द समेत अन्य कई समस्याओं का निवारण हो सकता है. आज हम आपको काले धतूरे के पत्ते और फल के इस्तेमाल की पूरी जानकारी दे रहे हैं.
जोड़ों के दर्द में करें धतूरे के तेल का इस्तेमाल
पतंजलि के आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति अक्सर जोड़ों में दर्द की समस्या से परेशान रहता है, तो इस स्थिति में काले धतूरे का तेल फायदेमंद हो सकता है. धतूरे के तेल से शरीर की मालिश करने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनती है. धतूरे की तासीर गर्म होती है, जिससे मांसपेशियों को भी अच्छी गर्माहट मिल जाती है. दर्द के समय इसे लगाने से आराम मिलता है. इसके अलावा अगर वर्क आउट या ज्यादा थकान की वजह से भी मसल्स में दर्द होती है, तो इसका इस्तेमाल लाभदायक हो सकता है.
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सायटिका में मददगार
यदि आप सायटिका जैसे: पीठ दर्द जैसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको इस तेल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. इससे दर्द में राहत मिलती है. इसके लिए आपको थोड़ी सी मात्रा में धतूरे के तेल को गर्म करना है और दर्द वाले भाग पर अच्छे से मालिश कर लेनी है. यकीन मानिए सिर्फ मालिश से ही दर्द में अच्छी खासी कमी हो सकती है.
पैरों के सूजन और भारीपन दूर करने में कारगर
इसके अलावा पैरों के सूजन या भारीपन दूर करने के लिए भी आप काले धतूरे का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप काले धतूरे की पत्तियों को पीसकर लेप बना लें और फिर उसे लगाएं. इतना करने से ही आपको जल्द आराम मिलेगा. दरअसल, इसकी तासीर गर्म होती है, जिससे कि आपकी मांसपेशियों की प्राकृतिक तौर पर सिकाई होती है और वो नरम पड़ जाती हैं. पीड़ित को तत्काल आराम मिलने लगता है.
ऐसे बनाएं काले धतूरे का तेल
गठिया की समस्या को दूर करने के लिए भी काले धतूरे के तेल का इस्तेमाल खूब किया जाता है. जड़ी बूटियों के जानकार वासुदेव बताते हैं कि धतूरे का तेल बनाने के लिए सबसे पहले इसके फलों से बीज को निकाल लेना चाहिए. अब उसे सरसों के तेल में लहसुन, हींग और काली हल्दी मिलाकर खूब पका लेना चाहिए. जब बीज और अन्य चीजों का अर्क तेल में मिल जाए तब इसे इस्तेमाल में लाना चाहिए. ध्यान देने वाली बात यह है कि इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए आप इसमें ब्याधा और कोचिला के बीजों को भी मिला सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 30, 2024, 19:09 IST
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