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हमारे देश में लोग आज भी अंग्रेजी दवाओं से ज्यादा आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों पर विश्वास करते हैं. बबूल भी इन्ही में से एक है. बबूल की छाल से आपको घुटनों के दर्द से मुक्ति मिलेगी.
बबूल की छाल
हाइलाइट्स
- बबूल की छाल घुटनों के दर्द में रामबाण है.
- 20 वर्ष पुराने बबूल की छाल का प्रयोग करें.
- छाल का पानी कपड़ों पर न लगने दें.
सुल्तानपुर: प्रायः यह देखने को मिलता है कि एक उम्र के बाद लोगों के घुटने में दर्द की समस्या बन जाती है. इसके लिए लोग बहुत दवाइयां करवाते हैं, जो कि कभी-कभी काम में नहीं आते हैं. लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं एक ऐसे देसी नुस्खे के बारे में जिसको इस्तेमाल करने से घुटनों का दर्द तुरंत गायब हो जाएगा. जी हां हम बात कर रहे हैं बबूल के पेड़ की, जिसकी छाल और गोंद का प्रयोग कर काफी पुराने दर्द को ठीक किया जा सकता है. 20 वर्ष पुराने बबूल के पेड़ की छाल, घुटनों के दर्द के लिए रामबाण का काम करती है, जिसे घुटने में लगाकर कई साल पुराने दर्द को गायब किया जा सकता है.
कैसे अपनाएं यह नुस्खा
बबूल की छाल और गोंद का प्रयोग कर घुटने के दर्द से छुटकारा पाने के लिए उपाय देने वाले आयुर्वेद डॉक्टर संतोष श्रीवास्तव ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि इस नुस्खे को अपनाने के लिए सबसे पहले बबूल की लगभग एक किग्रा. छाल को पेड़ से निकालें. इसके बाद, उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर 5 लीटर पानी में हल्के आंच में तब तक उबालें जब तक कि वह पानी सूखकर 500 मिली न हो जाए. उसके बाद लगभग एक महीने तक उस पानी को गुनगुना कर घुटने में लगाना चाहिए और साफ पानी से घुटने को धुल लेना चाहिए.
इन बातों का रखें ध्यान
बबूल की छाल को उबालने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे यह देसी नुस्खा कारगर साबित हो सके. सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जिस पेड़ से छाल को निकाल रहे हैं वह लगभग 20 वर्ष से अधिक पुराना पेड़ हो और उस छाल की सबसे ऊपरी परत पूरी तरह से सूखकर काली हो चुकी हो.
छाल के पानी को कपड़े में न लगने दें
काफी देर तक उबाल के बाद जब पानी घुटने में लगाने के लिए तैयार हो जाए, तो छाल के पानी को अपने कपड़ों और अन्य सामान पर न लगने दें, अन्यथा जिद्दी दाग कपड़े और सामान को नुकसान पहुंचा सकता है.