
[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
बीजू जनता दल (बीजेडी) की सदस्य सुलता देव ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि 2019 में चंद्रयान-2 के असफल होने पर अमेरिका के एक प्रसिद्ध समाचार पत्र ने भारतीयों का मजाक उड़ाते हुए एक कार्टून प्रकाशित किया था लेकिन वही अमेरिका अब भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है। ‘भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा और चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग’ विषय पर उच्च सदन में चर्चा में भाग लेते हुए सुलता देव ने कहा कि 2019 में चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो सकी थी और उस असफलता पर न्यूयार्क टाइम्स ने एक कार्टून में भारतीयों का मजाक उड़ाया था।
देव ने कहा कि लेकिन अब भारत की ताकत और क्षमता को देखते हुए अमेरिका भारत के साथ काम करना चाहता है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 की नाकामी से सबक लेते हुए भारतीय वैज्ञानिकों ने जरूरी सुधार किए और 3.84 लाख किलोमीटर दूर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराई। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने भारत की इस उपलब्धि को देखा जहां भारतीय वैज्ञानिकों ने अपने प्रतिभा का परिचय दिया।
उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया। देव ने कहा कि इस मिशन की सफलता से वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी जिससे अंतरिक्ष और चंद्रमा के प्रति समझ विकसित होगी। बीजद सदस्य ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ी टीम में 100 ये ज्यादा महिलाएं थीं। उन्होंने कहा कि इस मिशन में उनके प्रदेश ओडिशा के भी चार युवा वैज्ञानिक शामिल थे।
बता दें कि 23 अगस्त को इसरो ने चंद्रयान 3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करवाकर इतिहास रच दिया था। भारत चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश है। इससे पहले अमेरिका, चीन और सोवियत संघ चांद पर पहुंच चुके हैं। हालांकि, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। दुनियाभर के नेताओं ने इसरो और भारत को बधाई दी थी।
[ad_2]
Source link