Saturday, December 14, 2024
Google search engine
HomeNationalचंद्रयान-3 की सफलता पर मिल रही बधाइयां, जानें क्‍या कहा NASA, UKSA...

चंद्रयान-3 की सफलता पर मिल रही बधाइयां, जानें क्‍या कहा NASA, UKSA और ESA ने


नई दिल्‍ली. भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी पोल की सतह पर उतरकर ऐतिहासिक मिशन पूरा किया है. दरअसल इसके लिए इसरो (ISRO) और भारत को दुनिया भर से बधाइयां मिल रहीं हैं. दुनिया के कई देशों और खास तौर पर स्‍पेस एजेंसियों ने बधाई दी है. अमेरिका की स्‍पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), यूनाइटेड किंगडम स्‍पेस एजेंसी (UKSA) और यूरोपियन स्‍पेस एजेंसी (ESA) ने अपने बधाई संदेश भेजे हैं.

नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने अपने बधाई संदेश को ट्वीट करते हुए कहा कि ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए इसरो और भारत को बधाई. भारत, चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है. हमें इस मिशन में आपका भागीदार बनकर खुशी हो रही है. भारत का पहली सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने का ये शानदार तरीका है. मैं पूरी तरह प्रभावित हूं. इस प्रक्रिया में बहुमूल्य समर्थन के लिए ईएसए ऑपरेशंस को भी बधाई. हम भी काफी कुछ सीख रहे हैं. एक मजबूत अंतर्राष्ट्रीय साझेदार एक शक्तिशाली साझेदार होता है.

अमेरिका की स्‍पेस एजेंसी नासा ने बधाइयां दी हैं.

वहीं यूरोपियन स्पेस एजेंसी के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर ने भी भारत और इसरो को बधाई संदेश भेजा है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘अविश्वसनीय, चंद्रयान-3 की सफलता के लिए इसरो और भारत के सभी लोगों को बधाई.’

esa

यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने ट्वीट कर इसरो को बधाई दी है.

यूके स्पेस एजेंसी ने बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘भारत के चंद्रयान-3 ने इतिहास रच दिया है. इसरो को बधाई.इसरो की चंद्रयान-3 टीम को बधाई.’

ये भी पढ़ें-   Chandrayaan-3: सफल लैंडिंग के बाद निगाहें रोवर प्रज्ञान पर, मून मिशन में अब आगे क्‍या-क्‍या होगा? जानें

uksa

चंद्रयान-3 ने इतिहास रचने पर यूके की स्‍पेस एजेंसी ने बधाई दी है.

मून मिशन का अगला चरण शुरू
भारत के चंद्रयान-3  ने अपने निर्धारित समय पर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है और अब इसके बाद मिशन का अगला चरण शुरू हो गया है. चंद्रयान का विक्रम के सतह पर लैंड होने के बाद कई तरह से काम करेगा. चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र पर्यावरण और उनके द्वारा पेश की जाने वाली कठिनाइयों के कारण बहुत अलग भूभाग हैं और इसलिए उनका अभी तक अन्वेषण नहीं हुआ है. चंद्रमा पर पहुंचने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान भूमध्यरेखीय क्षेत्र में उतरे हैं. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र का भी पता लगाया जा रहा है क्योंकि इसके आसपास के क्षेत्रों में पानी की मौजूदगी की संभावना हो सकती है.

Tags: Chandrayaan-3, Mission Moon, Nasa, Space news, Space scientists, UK



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments