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Chandrayaan 3 Updates: चंद्रयान 3 चांद की सतह पर उतर चुका है, लेकिन पृथ्वी से अंतरिक्ष तक यात्रा आसान नहीं रही। सिर्फ यान ही नहीं सालों का सफर ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए भी काफी मुश्किल भरा रहा है। इसका एक उदाहरण प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरामुथुवेल का संघर्ष है। चंद्रयान 3 की तैयारी के दौरान एक समय ऐसा भी आया था, जब उन्हें अपनी बहन की शादी या ISRO में से किसी एक को चुनना था।
खबर है कि 46 साल के वीरामुथुवेल ISRO में चंद्रयान 3 को चांद पर उतारने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच लैंडिंग से महज तीन दिन पहले 20 अगस्त को उनकी बहन की शादी आ गई। धर्मसंकट में पड़े वैज्ञानिक ने बहन से पहले काम को चुना और चंद्रयान 3 की सुरक्षा में जुटे रहे। नतीजा भी ऐसा रहा कि उनका पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। बुधवार को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।
एक अखबार से बातचीत में वैज्ञानिक ने कहा, ‘यह मेरे जीवन का सबसे खुशी देने वाला पल है।’ उन्होंने कहा कि पूरी मेहनत रंग लाई। इस दौरान उन्होंने अपने टीम के सदस्यों को चंद्रयान 3 की सुरक्षित लैंडिंग का श्रेय दिया। रेलवे से रिटायर होने वाले 70 वर्षीय पिता पी पलनीवेलु आंखों में आंसू लिए कहते हैं, ‘मेरे बेटे की सफलता का राज जिद और समर्पण है।’
उन्होंने बताया था कि चंद्रयान 3 का प्रजोक्ट डायरेक्टर बनने के बाद से ही वीरामुथुवेल गांव नहीं आए थे। पिता बताते हैं, ‘उसने (वीरामुथुवेल) 1 से 10वीं तक की पढ़ाई विल्लुपुरम के रेलवे स्कूल से की है। बाद में उसने प्राइवेट कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला ले लिया। उसने रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज (अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से मैकेनिकल इंजीनयरिंग करने से पहले UG डिग्री चेन्नई के प्राइवेट कॉलेज से हासिल की थी।’
उन्होंने बताया कि बेटे को पहले HAL में साल 2003 में नौकरी की पेशकश की गई थी, लेकिन ISRO में जाने के लिए ऑफर ठुकरा दिया था।